Haryana : पानीपत में बच्ची की हत्या व रेप के दो दोषियों को फांसी की सजा

Haryana : पानीपत में बच्ची की हत्या व रेप के दो दोषियों को फांसी की सजा
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पुलिस की जांच में पता चला था कि कूडा डालने जाते समय प्रदीप व सागर ने बच्ची को अपहरण कर लिया और उसकी गला दबा कर हत्या कर दी। आरोपितों ने बच्ची के शव के साथ दुष्कर्म किया और उसके कपडे जला दिए। शव को नग्न अवस्था में तालाब के किनारे फेक दिया। बच्ची के शव की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बच्ची की गला दबा कर हत्या करने, दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई थी।

पानीपत : अतिरिक्त एवं सत्र न्यायधीश (पानीपत फास्ट ट्रैक कोर्ट) सुमित गर्ग ने 12 साल की बच्ची की हत्या कर उसके शव के साथ दुष्कर्म करने के दोषियों प्रदीप व सागर निवासी गांव उरलाना जिला पानीपत को फांसी की सजा सुनाई है।

थाना मतलौडा में दर्ज केस के अनुसार एक बच्ची अपने मामा के घर पर रह कर पढ़ती थी। वहीं 13 जनवरी सन् 2018 की सुबह बच्ची कूडा डालने के लिए अपने घर से निकली और फिर लापता हो गई। बच्ची का जब कोई सुराग नहीं लगा तो परिजनों ने थाना मतलौडा की उरलाना पुलिस चौकी में इस मामले की शिकायत दी। वहीं पुलिस ने बच्ची की तलाश में लापरवाही बरती। जबकि बच्ची का शव 14 जनवरी को नग्न अवस्था में गांव के तालाब के किनारे पड़ा मिला था। इधर, उरलाना पुलिस चौकी स्टाफ को इस केस की जांच में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन पुलिस कप्तान राहुल शर्मा ने निलंबन व लाइन हाजिर की कड़ी कार्रवाई की। जबकि चौकी पर गए नए पुलिस स्टाफ ने इस मामले की गहन जांच शुरू की।

पुलिस की जांच में पता चला कि कूडा डालने जाते समय प्रदीप व सागर ने बच्ची को अपहरण कर लिया और उसकी गला दबा कर हत्या कर दी। आरोपितों ने बच्ची के शव के साथ दुष्कर्म किया और उसके कपड़े जला दिए। शव को नग्न अवस्था में तालाब के किनारे फैंक दिया। बच्ची के शव की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बच्ची की गला दबा कर हत्या करने, दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई। इधर, आरोपितों प्रदीप व सागर पर थाना मतलौडा पुलिस ने हत्या करने, दुष्कर्म करने व छह पास्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया और आरोपितों को अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

इधर, अतिरिक्त एवं सत्र न्यायधीश (पानीपत फास्ट ट्रैक कोर्ट) सुमित गर्ग ने थाना मतलौडा पुलिस द्वारा आरोपितों के खिलाफ पेश किए गए हर तरह के साक्ष्यों, गवाहों की गवाही के आधार पर दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। दूसरी ओर, पानीपत कोर्ट के तीस साल के इतिहास में दोषियों को फांसी दिए जाने का यह पहला मामला है।

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