जगह-जगह बिछे हैं मौत के जाल, हादसों के बाद भी नहीं टूट रही अधिकारियों की नींद

हरिभूमि न्यूज, रेवाड़ी
शहर में बिजली ट्रांसफार्मरों के खुले पड़े तार हादसों को निमंत्रण दे रहे हैं। जिनसे अक्सर हादसे होते रहते हैं। चार दिन पहले ही बावल रोड पर करंट लगने से एक गाय की मौत हो गई थी। निगम ने एक बार शहर में ट्रांसफार्मर के चारों ओर जाली की ग्रिल लगाकर सुरक्षा घेरा बनाने की शुरूआत की थी, परंतु चंद कदम आगे बढ़ाने के बाद अधिकारियों की उदासीनता के चलते विभाग ने अपने कदम वापस खींच लिए थे। जिस कारण तारों के रूप में जगह-जगह फैले मौत के जाल से जान को जोखिम बना रहता है। वर्षों से चली आ रही इस स्थिति से अक्सर हादसे होते रहते हैं, परंतु जानलेवा हादसों के बावजूद अधिकारी शायद जानते हुए भी अनजान बने रहते हैं।
शहर में घनी आबादी वाले पुराने शहर, बाजार, बावल रोड, गढ़ी बोलनी रोड, भाड़ावास रोड, महेंद्रगढ़-नारनौल रोड के साथ पॉश रिहायशी क्षेत्रों सहित लगभग हर जगह स्थिति एक जैसी है। गली व सड़क के चौक चौराहों व रिहायशी क्षेत्रों में खाली पड़े प्लाटों के पास शहर में जगह-जगह बिजली की ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। चुनिंदा स्थानों को छोड़कर अधिकतर ट्रांसफार्मर्स पर बिजली की केबल का जाल बिछा रहता है। जिनमें से अधिकतर केबल के तार नंगे होते हैं। ऊंचाई कम होने से एक छोटा बच्चा भी आसानी से छू सकता है। इतना ही कई स्थानों पर तो इंनपुट व आउटपुट (ट्रांसफार्मर से निकलने व आगे बिजली सप्लाई देने वाली) कनेक्शन भी दो से तीन फीट की ऊंचाई पर लगे मिलते हैं। जमीन से लिए गए अर्थिंग के तार को भी खुला छोड़ने में कर्मचारी कोई संकोच नहीं दिखाते। जिससे तारों के संपर्क में आने से अक्सर हादसे होते रहते हैं। इतना ही नहीं कई बार तो करंट आने से अर्थिंग तार भी जानलेवा साबित हो जाता है।
पशुओं की जान को रहता है जोखिम
ट्रांसफार्मर खुले स्थान पर लगे होने के कारण स्थानीय लोग आसपास की जमीन पर कूड़ा डालना शुरू कर देते हैं। कूड़े में मुंह मारते समय अक्सर पशु बिजली की तारों की चपेट में आने से हादसे का शिकार हो जाते हैं। बावल रोड पर चार दिन पहले ट्रांसफार्मर के पास उगे घास में मुंह मारते समय अर्थिंग तार की चपेट में आने से एक गाय की मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों की माने तो अर्थिंग तार में आ रहे करंट की शिकायत कई बार निगम अधिकारियों को की जा चुकी थी, परंतु एक गाय को अपनी जान गंवाकर सुनवाई नहीं करने की किमत चुकानी पड़ी।
पोल भी नहीं है अव्यवस्था से अछूते
केवल बिजली के ट्रांसफार्मर ही नहीं, बल्कि बिजली के पोल भी विभागीय अव्यवस्था से अछूते नहीं है। बिजली मीटर बाहर लगाने की प्रथा शुरू होने के बाद अव्यवस्था समय के साथ गंभीर हुई है तथा एक-एक पोल पर लगे आठ से 10 मीटरों की केवल का गुच्छा पोल पर लटकता दखा जा सकता है।
रेवाड़ी शहर में एक स्थान पर ट्रांसफार्मर के चोरों तरफ लगी जाली।
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