राम रहीम की फरलो पर हाईकोर्ट में चलती रही बहस, याची को पेश करनी होगी जजमेंट, अब इस दिन होगी सुनवाई

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह हार्ड कोर क्रिमिनल है या नहीं अब कोर्ट के सामने यह सवाल है। बुधवार को हाईकोर्ट में इस मामले में बहस चलती रही, याचिकाकर्ता की तरफ से डेरा प्रमुख को हार्ड कोर क्रिमिनल बताते हुए पक्ष में बहस की गई जबकि सरकार की तरफ से इसका विरोध किया गया। याची पक्ष की तरफ से यह भी दलील दी गई कि डेरा प्रमुख ने अभी सजा कम ही काटी है ऐसे में फरलो गलत तरीके से दी गई है। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने याची को अपने पक्ष में जजमेंट पेश करने का आदेश देते हुए सुनवाई बहस के लिए 25 फरवरी तक स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सरकार की तरफ से जवाब दायर कर कहा गया कि डेरा प्रमुख सीधे तौर पर हत्यारोपी नहीं है और वास्तविक हत्याओं को अंजाम नहीं दिया था। राज्य सरकार का मानना है कि डेरा प्रमुख को इन हत्याओं के सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश रचने के लिए ही दोषी ठहराया गया था। रिकार्ड के अनुसार डेरा प्रमुख को रिहा करने की प्रक्रिया महाधिवक्ता ( एजी ) की कानूनी राय लेने के बाद शुरू की गई थी। 25 जनवरी को दी अपनी राय में एजी ने कहा था कि डेरा प्रमुख को हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिज़नर्स ( अस्थायी रिहाई ) अधिनियम के तहत 'हार्ड कोर क्रिमिनल' की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। एजी के अनुसार, डेरा प्रमुख को इन हत्याओं के लिए अपने सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश रचने के लिए ही दोषी ठहराया गया है, वास्तविक हत्याओं के लिए नहीं।
हाई कोर्ट में सौंपी गई अपनी विस्तृत रिपोर्ट में, राज्य सरकार ने यह भी दावा किया है कि अगर यह भी मान लिया जाए कि वह एक कट्टर अपराधी है, फिर भी उसे फरलो पर रिहा होने का अधिकार है क्योंकि उसने जेल में पांच साल पूरे कर लिए हैं। इस मामले में समाना निवासी पीजे सिंह द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि डेरा प्रमुख को पंजाब को वोटों को प्रभावित करने के लिए छोड़ा गया है जबकि डेरा प्रमुख एक संगीन आरोप में जेल में बंद है वह इस तरह के आरोपी को किसी तरह की फरलो या पैरोल नहीं दी जा सकती याचिका में आरोप लगाया गया है कि पंजाब चुनाव में राजनीतिक हित साधने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है । याचिका के अनुसार डेरे के अनुसार वह है पंजाब में वोटरों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इसी हित को साधने के लिए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
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