हाईकोर्ट पहुंचा आईटी प्रोफेशनल को हरियाणा कौशल रोजगार निगम के अधीन लाने का फैसला, सरकार को नोटिस

हारट्रोन के तहत हरियाणा के विभागों में आईटी से जुड़े प्रोफेशनल को सरकार द्वारा हरियाणा कौशल रोजगार रोजगार निगम के अधीन लाने को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते यथास्थिति के आदेश देते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है। इस मामले में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में कार्यरत अमित कुमार व अन्य ने सरकार के उस आदेश को रद करने की मांग की थी जिसके तहत उनको कौशल रोजगार निगम के अधीन लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मामले में बहस के दौरान याची पक्ष के वकील संदीप शर्मा ने कोर्ट को बताया कि हारट्रोन राज्य सरकार की एक एजेंसी है जो सरकार की आइटी से जुड़ी जरूरतें पूरी करती है। हारट्रोन राज्य के सभी विभागों में आईटी से जुड़े प्रोफेशनल उपलब्ध कराती है। याची समेत हजारों आईटी से जुड़े प्रोफेशनल ने भर्ती विज्ञापन के आधार पर लिखित परीक्षा पास कर नौकरी हासिल की है। वह लगभग 12 साल से हरियाणा शहरी विकास प्राद्यिकरण में कार्ररत है। उनकी सेवा की संतुष्टि के आधार पर ही उनकी सेवा लगातार जारी है और सरकार द्वारा उनको एलटीसी वेतन वृद्धि व सभी तरह के भत्ते दिए जाते है। सरकार की एक नीति के तहत वो नियमित होने का दावा भी रखते है।
लेकिन पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार रोजगार निगम योजना शुरू की है। सरकार ने सभी विभागों को आदेश दिया कि उनके पास जितने भी कर्मचारी अनुबंध पर है वो निगम के पोर्टल पर कर्मचारियों जानकारी अपलोड करे व सभी कर्मचारी हरियाणा कौशल रोजगार रोजगार निगम के अधीन होगें।शर्मा ने बेंच को बताया कि इन कर्मचारियों को सेवा 12 साल के करीब हो चुकी है लेकिन अब हरियाणा कौशल रोजगार रोजगार निगम के अधीन आने से वो नए कर्मचारी माने जाएंगे व उनको तीन महीने के भीतर एक टेस्ट भी पास करना होगा। इतना ही नहीं उनको जो सुविधा मिल रही है वो सभी समाप्त हो जाएगी। हाईकोर्ट के जस्टिस अनुपिन्दर सिंह ग्रेवाल ने याची पक्ष की दलील सुनने के बाद मामले में यथास्थिति के आदेश देते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया।
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