दीन दयाल जन आवास योजना : सोनीपत में 12 प्रोजेक्ट की 10 एकड़ जमीन जिला नगर योजनाकार विभाग के हो चुकी है नाम

दीन दयाल जन आवास योजना : सोनीपत में 12 प्रोजेक्ट की 10 एकड़ जमीन जिला नगर योजनाकार विभाग के हो चुकी है नाम
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  • नियमों के अनुसार लाइसेंस ली गई जमीन का 10 प्रतिशत हिस्सा छोड़ना होता है कम्युनिटी साइट के लिए
  • दीनदयाल जन आवास योजना के तहत 32 प्रोजेक्ट हैं जिले में, 4 हो चुके हैं पूरे
  • भविष्य में इन जमीनों पर सरकार करवाएगी सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करने वाले भवनों का निर्माण

दीपक वर्मा.सोनीपत। किसी भी रिहायशी क्षेत्र में रहने वालों की सबसे महत्वपूर्ण सड़क, सीवर और पानी की सुविधा मानी जाती है। किसी कॉलोनी की इन मूलभूत सुविधाओं के बाद नंबर आता है सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करने वाली जगह का। इस जगह पर पार्क हो सकता है, सामुदायिक भवन हो सकता है, अस्पताल हो सकता है, स्कूल-कॉलेज आदि ऐसा कुछ भी हो सकता है, जोकि सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो। हालांकि अवैध कॉलोनियों में कॉलोनाइजर इस तरह की कम्युनिटी साइट के लिये बहुत कम प्रयास करते हैं। दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने दीन दयाल जन आवास योजना के तहत जो लोगों को वैध रूप से कॉलोनियां बसाने के लिये लाइसेंस दिया था, उसमें इस बात का पूरा ख्याल रखा था कि लोगों को सामाजिक उद्देश्य पूरा करने वाली जगह भी उपलब्ध हो। इसीलिये योजना के तहत दिए गए प्रत्येक लाइसेंस में सामुदायिक स्थानों के लिये जगह रखी गई हैं। इस जगह का क्या इस्तेमाल होगा, इसके बारे में तो कोई निर्णय नहीं लिया गया, लेकिन इतना जरूर है कि इन जगहों को जिला नगर योजनाकार विभाग अपने डायरेक्टर के नाम जरूर करवा रहा है। आंकड़ें बताते हैं कि जिले में अभी तक तकरीबन 10 एकड़ जमीन को जिला नगर योजनाकर विभाग के डायरेक्टर के नाम करवाया रजिस्ट्री करवाकर इंतकाल भी करवाए जा चुके हैं।

दीन दयाल जन आवास योजना के तहत कोई भी प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद कॉलोनाइजर को विभाग से कंपलीशन सर्टिफिकेट लेना होता है। इस प्रोसेस से पहले ही कम्यूनिटी साइट की जमीन भी विभाग के नाम करनी होती है। आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो जिले भर में 32 प्रोजेक्ट हैं, जिनमें से 4 पूरे हो चुके हैं और 28 अभी निमार्णाधीन हैं। लेकिन जिला नगर योजनाकर विभाग 12 प्रोजेक्ट्स की करीब 10 एकड़ जमीन को कम्यूनिटी साइट के लिये अपने नाम करवा चुका है। इन 12 में 4 प्रोजेक्ट को कंपलीशिन भी ले चुके हैं, जबकि 8 प्रोजेक्ट का कंपलीशिन लगभग फाइनल स्टेज में हैं।

क्या कहता है नियम

दीन दयाल जन आवास योजना में जो भी लाइसेंस लेता है, उसे कुछ नियमों एवं शर्तों को मानना होता है। इसमें एक शर्त सामुदायिक जगह (कम्यूनिटी साइट) को लेकर भी होती है। योजना के लाइसेंस के साथ लागू होने वाली शर्त के अनुसार कॉलोनाइजर को प्रोजेक्ट की कुल जमीन का 10 प्रतिशत हिस्सा कम्यूनिटी साइट के लिये छोड़ना होगा। उदाहरण के लिये 10 एकड़ में योजना के तहत कॉलोनी बनाने वाले को 1 एकड़ जमीन कम्यूनिटी साइट के लिये छोड़नी होगी। वैसे भी योजना के तहत कम से कम 5 एकड़ जमीन पर कॉलोनी बसाई जा सकती है, हालांकि अधिकतम की सीमा निर्धारित नहीं है।

ये दो सबसे बड़े फायदे

  • कम्यूनिटी साइट डायरेक्टर के नाम करवाने का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि इन जमीनों पर बिल्डर का कोई हक नहीं रहेगा। जिसकी वजह से कम्युनिटी साइट के लिये छोड़ी गई जगह पर बिल्डर अपनी मनमर्जी नहीं कर पाएगा।
  • दूसरा बड़ा फायदा ये होगा कि भविष्य में जिस भी तरह की सामुदायिक इमारत का निर्माण किया जाना होगा, उससे संबंधित विभाग को जमीन आसानी से दी जा सकेगी।

जिले में दीनदयाल आवास योजना पर एक नजर

32 में से 27 लाइसेंस सोनीपत जोन के हैं। खरखौदा जोन में 3 तो गन्नौर जोन में 2 लाइसेंस हैं। सोनीपत जोन में राई और कुंडली भी शामिल हैं। जिन चार की कम्पलीशन पूरी हो चुकी है, उसमें सोनीपत के सेक्टर 2 स्थित श्री राम रेजीडेंसी के 2 प्रोजेक्ट, सेक्टर 26 में पुलिस हाउसिंग सोसायटी और खरखौदा का एक प्रोजेक्ट शामिल है। गन्नौर और खरखौदा के 2-2 तथा सोनीपत जोन के 24 प्रोजेक्ट अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।

दीन दयाल जन आवास योजना के तहत जिले में कुल 32 लाइसेंस दिए गए हैं। इनमें से 4 कम्पलीट हो चुके हैं। 8 की कम्पलीशन प्रोसेस में हैं। 12 प्रोजेक्ट की कम्युनिटी साइट डायरेक्टर के नाम करवाई गई हैं। भविष्य में जो भी कम्युनिटी बिल्डिंग बननी होगी, उस विभाग को साइट ट्रांसफर कर दी जाएगी। - नरेश कुमार, डीटीपी, सोनीपत

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