Deen Dayal Jan Awas Yojana : सोनीपत में पांच साल में चार दीनदयाल प्रोजेक्ट हुए पूरे, 28 हैं लाइन में

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
पांच साल पहले गरीबों को आशियाना उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने एक महत्वकांक्षी योजना चलाई थी, जिसका नाम रखा गया था दीनदयाल जन आवास योजना। इस योजना के तहत प्रदेश भर में रिहायशी कॉलोनी बसाने के लिये लाइसेंस दिए गए थे और अब भी दिए जा रहे हैं। इस योजना के तहत सोनीपत जिले में भी कुल 32 ऐसी सोसायटी हैं, जोकि इस योजना के तहत रजिस्ट्रर्ड हैं और लाइसेंस प्राप्त हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या सोनीपत जोन की है। वहीं सबसे कम लाइसेंस गन्नौर जोन में प्राप्त हुए हैं। कमाल की बात ये है कि जब से योजना लागू हुई थी और जब पहला लाइसेंस लिया गया था, उसके बाद से अब तक केवल 4 प्रोजेक्ट ही पूरे हो पाए हैं, बाकि के 28 प्रोजेक्ट अभी तक निर्माणाधीन हैं। ऐसा नहीं है कि ये सभी प्रोजेक्ट नए हैं, सिर्फ 2 प्रोजेक्ट को छोड़कर बाकि के सभी प्रोजेक्ट कम से कम लगभग 2 साल पुराने हैं। इतना समय बीत जाने के बावजूद कुछ लटकते प्रोजेक्ट और कुछ की धीमी गति प्लॉट धारकों को भी परेशान कर रही है। बता दें कि ये लाइसेंस जिला नगर योजनाकार विभाग के माध्यम से नगर योजनाकार विभाग चंडीगढ़ द्वारा जारी किए जाते हैं।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार दीनदयाल जन आवास योजना के कुल 32 लाइसेंस में से अभी तक 4 प्रोजेक्ट की ही कम्पलीशन हो पाई है। इनमें सोनीपत के सेक्टर 2 स्थित श्री राम रेजीडेंसी के 2 प्रोजेक्ट, सेक्टर 26 में पुलिस हाउसिंग सोसायटी और खरखौदा का एक कम्पलीशन शामिल है। इस तरह से गन्नौर और खरखौदा के 2-2 तथा सोनीपत जोन के 24 प्रोजेक्ट अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। इनमें से अधिक प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। इनमें से 10 के करीब प्रोजेक्ट अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाए, यानि की धरातल पर नहीं उतर पाए।
सबसे अधिक सोनीपत जोन में लाइसेंस
दीन दयाल जन आवास योजना के तहत लाइसेंस की बात करें तो सबसे अधिक लाइसेंस सोनीपत जोन में ही लिए गए हैं। 32 में से 27 लाइसेंस सोनीपत जोन के हैं। खरखौदा जोन में 3 तो गन्नौर जोन में 2 लाइसेंस हैं। सोनीपत में सबसे अधिक लाइसेंस की वजह सोनीपत जोन में राई और कुंडली का शामिल होना है। डीटीपी विभाग द्वारा सोनीपत जोन में राई और कुंडली का एरिया भी जोड़ा गया है। इसी वजह से सोनीपत जोन में लाइसेंस की संख्या सबसे अधिक है।
रातों-रात बिक जाते हैं प्लॉट, वजह सुविधाएं
इस योजना के तहत कॉलोनी बनाने का लाइसेंस मिलने के बाद प्लॉट बेचना बहुत आसान होता है। कई प्रोजेक्ट जो अच्छी लोकेशन पर हैं, उनके तो लाइसेंस आते ही प्लॉट रातों-रात बिकते हैं। इन प्रोजेक्ट में लोगों ने खूब निवेश भी किया, जिसके कारण कलैक्टेर रेट से कहीं अधिक दामों पर प्लॉटों की खरीद-फरोख्त होती है। कुछ जगहों पर तो एक माह में ही प्लॉटों के रेट में 10 हजार रुपये प्रति गज के हिसाब से चढ़ाव आ जाता है। बताया जाता है कि योजना के तहत प्लॉटिंग होती है, जिसके कारण कॉलोनी नियमित की श्रेणी में आती है। इसी वजह से यहां पर तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। दूसरी ओर दीन दयाल आवास योजना के तहत लाइसेंस लेकर प्रोजेक्ट की रफ्तार इसी तरह ढीली रही तो प्लॉट लेने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दीनदयाल आवास योजना के तहत जिले में कुल 32 लाइसेंस दिए गए हैं। इनमें से 4 ने कम्पलीशन प्राप्त कर ली है, बाकि के प्रोजेक्टस में से अधिकतर निर्माणाधीन हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य अवैध कॉलोनियों के बढ़ावे पर रोक लगाना है।- नरेश कुमार, डीटीपी, सोनीपत
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