बॉक्सिंग की नई सनसनी : हरियाणा के दीपक ने रियो ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट को हराया

हिसार के बॉक्सर दीपक भोरिया ने बुल्गारिया देश के सोफिया शहर में चल रही 72वीं ओलंपिक इंटरनेशनल मुक्केबाजी प्रतियोगिता में बड़ा उलटफेर करते हुए 52 किलोग्राम भार वर्ग में उज़्बेकिस्तान के बॉक्सर जरोव को 4:1 से हरा दिया। इस जीत के साथ दीपक का सिल्वर मेडल पक्का हो गया है। बता दें कि उज़्बेकिस्तानी बॉक्सर 27 वर्षीय जरोव रियो ओलंपिक तथा वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट हैं और वह इस प्रतियोगिता में गोल्ड का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। दीपक का फाइनल मुकाबला रविवार को बुल्गारिया देश के बॉक्सर डेनियल के साथ होगा। दीपक की इस उपलब्धि पर हिसार के कैमरी रोड आवास पर जश्न का माहौल है। वहीं हिसार के ही दूसरे बॉक्सर नवीन बूरा का सेमिफाइनल मैच श् रात को 11 बजे होगा।
बता दें कि दीपक के कोच राजेश श्योराण हिसार में यूनिवर्सल बॉक्सर अकेडमी चलाते हैं। जब उन्होंने देखा कि दीपक देश का नाम रोशन कर सकते हें ताे उन्होंने खुद खर्चा उठाकर दीपक को काेचिंग दी थी। 12 साल की उम्र में दीपक ने बॉक्सिंग शुरू कर दी थी। दीपक अभी अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज संघ (एआइबीए) की ताजा रैंकिंग में छठे स्थान पर हैं। इन्होने 18 साल की उम्र में आर्मी ज्वाइन कर ली थी। इन्होंने बॉक्सिंग में कई मेडल अपने नाम किए हैं।
पिता सुरेंद्र कुमार होमगार्ड की नौकरी करते हैं
हिसार के कैमरी रोड निवासी दीपक ने बताया था कि मैं पढ़ाई में कमजोर था। मेरे पिता सुरेंद्र कुमार होमगार्ड की जॉब करते हैं। मां सुमित्रा देवी गृहिणी हैं। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। ऐसे में मुझे सफलता का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। मेरे चाचा रविंद्र के दोस्त खिलाड़ी हैं। उन्होंने मुझे कोच राजेश श्योराण से मिलवाया। कोच राजेश श्योराण ने यूनिवर्सल बॉक्सिंग अकेडमी में मुझे बॉक्सिंग की बारीकियां सिखाना शुरू किया। वहीं से मेरी खेल में रुचि बढऩे लगी। मुझे मेरी सफलता नजर आने लगी फिर मैंनें दिन-रात बॉक्सिंग में मेहनत शुरू की और मेरी जीत का ग्राफ बढऩे लगा। साल 2019 में मैंने एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर पदक हासिल किया। दीपक ने अपने खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर वर्ल्ड के बेस्ट बॉक्सर की 49 किलोग्राम भारवर्ग की टॉप 10 की लिस्ट में छठा स्थान हासिल कर देश को खेल में सम्मान दिलाया है।
कभी अखबार बांटते थे दीपक
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती...' यह कहावत दीपक भोरिया पर सटीक बैठती है। इंटरनेशनल बॉक्सर दीपक की जिंदगी में वह वक्त भी आया था, जब वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और न्यूज पेपर बांटने को मजबूर थे। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और परिणाम सबके सामने है। इस 21 वर्षीय बॉक्सर ने हाल ही में मकरान कप का गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यह टूर्नमेंट ईरान के चाबहार में हुआ था। तीन बार के राष्ट्रीय विजेता हरियाणा के दीपक ने 46-49 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में जाफर नासेरी को मात दी थी। यह इस टूर्नमेंट में भारत का एक मात्र गोल्ड मेडल रहा।
कोच राजेश बोले गोल्ड मेडल लाएगा दीपक
कोच राजेश श्योराण ने दीपक की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि वह फाइनल मुकाबले में भी जीतकर भारत के लिए गोल्ड मेडल लेकर आएगा। उन्होंने बताया कि जब दीपक 12 साल का था तो वह उनके पास बॉक्सिंग सीखने के लिए आया था। उस समय दीपक की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी लेकिन बॉक्सिंग के प्रति उसके जज्बे को देखकर मैंने उसकी हर संभव मदद की। एक अच्छा बॉक्सर बनने में उसकी आर्थिक स्थिति को आड़े नहीं आने दिया। एक समय तो ऐसा आया था जब यह लगने लगा था कि आर्थिक हालात के चलते वह बॉक्सिंग छोड़ देगा। मैंने बॉक्सिंग के प्रति उसके इंटरेस्ट व टैलेंट को देखते हुए उसके लिए स्पॉन्सर की तलाश की उसकी अच्छी डाइट की व्यवस्था करवाई। मुझे दीपक पर नाज है।
दीपक की उपलब्धियां
साल 2019 : एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर पदक
साल 2019 : सातवें वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स चाइना में सिल्वर।
साल 2019 : थाईलैंड ओपन इंटरनेशल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सिल्वर।
साल 2019 : इरान में आयोजित चैंपियनशिप में गोल्ड।
साल 2018 : नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड।
साल 2018 : 68वीं इंटर सर्विसेज बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड।
लाल जर्सी में दीपक भाेरिया।
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