दीपेंद्र ने राज्यसभा में रखी मांग : किसान आंदोलन में कुर्बानी देने वालों के परिवारों को मिले आर्थिक पैकेज व नौकरी

दीपेंद्र ने राज्यसभा में रखी मांग : किसान आंदोलन में कुर्बानी देने वालों के परिवारों को मिले आर्थिक पैकेज व नौकरी
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सांसद दीपेंद्र ने कहा कि कोरोना में जब देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी, तब किसान ने ही खेत में पसीना बहाकर देश की अर्थव्यवस्था को बचाया, लेकिन सरकार ने कृषि का बजट ही घटा दिया।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बुधवार को राज्यसभा में वित्त विधेयक पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से चर्चा की शुरुआत करते हुए सरकार को किसानों के मुद्दे पर जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया जिससे अर्थव्यवस्था पटरी पर वापस लौट सके। कोरोना में जब देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी, तब किसान ने ही खेत में पसीना बहाकर देश की अर्थव्यवस्था को बचाया, लेकिन सरकार ने कृषि का बजट ही घटा दिया।

उन्होंने सरकार से जवाब मांगा कि बजट में किसान के लिए क्या है सरकार बताए। सांसद दीपेन्द्र ने कहा 4 महीने में 300 से ज्यादा किसानों की जान चली गई, लेकिन संवेदना के दो शब्द तक नहीं निकले। उन्होंने सदन में हाथ जोड़कर सरकार से आग्रह किया कि किसान आंदोलन में कुर्बानी देने वाले किसानों के परिवारों के लिये आर्थिक पैकेज व नौकरी देने की घोषणा करे और किसानों को खुशी-खुशी घर लौटने का मौका दे। साथ ही, सरकार को चेताया कि किसानों की खिल्ली उड़ाना बहुत महंगा पड़ेगा।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, बिगड़ती अर्थव्यवस्था, गरीब-अमीर में बढ़ता अंतर, गलत आर्थिक नीतियों पर सरकार को उसके ही आंकड़ों से आईना दिखाते हुए कहा कि आपकी नीतियों की बहुत बड़ी विफलता है कि आज भारत में गरीब अमीर में अंतर दुनिया में सबसे ज्यादा हो गया है। भारत आर्थिक असमानता में आज रूस के बाद दूसरे स्थान पर है आज देश के सबसे अमीर एक फीसद लोगों के पास देश की संपत्ति का 42 फीसद है, सबसे गरीब 50 फीसद के पास फीसद से कम। 177 अरबपतियों की संपत्ति 3 फीसद बढ़ी।

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