कांग्रेस से निष्काषित पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के घर चाय पीने पहुंचे दीपेंद्र हुड‍्डा, सैलजा गुट के नेताओं ने बनाए रखी दूरी

कांग्रेस से निष्काषित पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के घर चाय पीने पहुंचे दीपेंद्र हुड‍्डा, सैलजा गुट के नेताओं ने बनाए रखी दूरी
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विधानसभा चुनाव में अंबाला कैंट से टिकट न मिलने की वजह से पूर्व मंत्री निर्मल सिंह बागी हो गए थे। उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर खुद अंबाला शहर से चुनाव लड़ा तो अपनी बेटी को अंबाला छावनी से मैदान में उतारा था। पार्टी से निष्कासन के बावजूद राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा इनके संपर्क में हैं।

हरिभूमि न्यूज : अंबाला

बागियों के घर राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की चाय कांग्रेस को कमजोर कर रही है। खुद कांग्रेसी दबी जुबान में इस बात को स्वीकार रहे हैं। उनका आरोप है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा को कमजोर करने की नीयत से हुड्डा यह खेल खेल रहे हैं। शुक्रवार को दीपेंद्र हुड्डा ने पार्टी के बागियों के घर चाय पी। वे कांग्रेस से निष्काषित पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के घर पहुंचे। साथ ही कांग्रेस की टिकट पर विस चुनाव लड़ चुके हिम्मत सिंह के खास संजय सेठी के घर भी उन्होंने चाय पी। इस दौरान सैलजा के तमाम विरोधी भी हुड्डा की अगुवाई के लिए जुटे दिखे।

टिकट न मिलने से नाराज हुए थे पूर्व मंत्री

विधानसभा चुनाव में अंबाला कैंट से टिकट न मिलने की वजह से पूर्व मंत्री निर्मल सिंह बागी हो गए थे। उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर खुद अंबाला शहर से चुनाव लड़ा तो अपनी बेटी को अंबाला छावनी से मैदान में उतारा था। दोनों पिता-पुत्री करीब एक लाख वोट ले गए थे जिसका सीधा नुकसान कांग्रेस प्रत्याशियों को हुआ। उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी। हालांकि चुनाव से पहले ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा की ओर से पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के साथ उनका साथ देने की वजह से हिम्मत सिंह को भी पार्टी से छह साल के लिए निष्काषित कर दिया गया था। पार्टी से निष्कासन के बावजूद राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा इन नेताओं के संपर्क में हैं। अंबाला आगमन पर हर बार वे पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के आवास पर चाय पीने जरुर जाते हैं। इस बार उन्होंने अंबाला शहर में भी हिम्मत सिंह के भरोसेमंद संजय सेठी के घर चाय पी। यहां हिम्मत सिंह से भी उनकी मुलाकात हुई। इस दौरान हिम्मत सिंह ने भी अपने साथियों को उनसे मिलवाया।

बेटे को चुनाव में उतार चुके हैं हम्मित

पिछले दिनों हुए युवा कांग्रेस के चुनाव में हिम्मत सिंह अपने बेटे युवराज सिंह को चुनाव में उतार चुके हैं। बीसी कोटे में उनका उपाध्यक्ष बनना भी तय है। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए वे हैरी सिंह के लिए भी मतदान करवा चुके हैं। हालांकि उनके पीए रमन खोखर व सहयोगी कार्तिक आहूजा का नामांकन रद्द हो गया था। इसी वजह से वे युवा कांग्रेस का चुनाव नहीं लड़ पाए। पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की अगुवाई वाले एचडीएफ के नेता रहे प्रतीक चौधरी भी युवा कांग्रेस के चुनाव में जिलाध्यक्ष के उम्मीदवार हैं।

विरोधी कर रहे हैं पार्टी कमजोर

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड़डा के कार्यक्रम से सैलजा गुट के तमाम नेताओं ने दूरी बनाए रखी। उनका आरोप है कि हुड्डा की ऐसी गतिविधियों के कारण पार्टी कमजोर हो रही है। पार्टी से निकाले गए लोग हमेशा ही कांग्रेस के लिए मुसीबत बन रहे हैं। ज्यादातर नेताओं ने दीपेंद्र की शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा से की है। उनका यह भी आरोप है कि हुड्डा की ऐसी चाय से कांग्रेस कमजोर व विरोधी मजबूत हो रहे हैं।

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