राज्यसभा में गरजे Deepender Hooda : महिला खिलाड़ियों के अपमान का उठाया मुद्दा

- सभापति ने उनको बोलने की अनुमति नहीं दी तो सारा विपक्ष हुआ लामबंद
- दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ विपक्ष के खड़ा होने पर सदन की कार्रवाई की स्थगित
Haryana : राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने संसद में महिला खिलाड़ियों के अपमान का मुद्दा उठाया और सरकार से तीखे सवाल किए। लेकिन सभापति ने उनको बोलने की अनुमति नहीं दी। इस पर सारा विपक्ष लामबंद होकर दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ खड़ा हो गया। भारी हंगामे और शोरगुल के बीच सभापति ने सदन को स्थगित कर दिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जब संसद में महिला खिलाड़ियों की इज्जत और उनको न्याय दिलाने का मुद्दा उठाते हुए सरकार से सवाल किया तो पूरा सत्तापक्ष उनकी आवाज को दबाने में एकजुट हो गया। सत्ता में बैठे लोग अपना पूरा दम लगा लें, वो संसद से लेकर सड़क तक महिला खिलाड़ियों के मान-सम्मान और उनको इंसाफ दिलाने का मुद्दा उठाते रहेंगे।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने 28 जुलाई से 8 अगस्त तक चीन में सम्पन्न 31वें वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में पदक विजेता खिलाड़ियों को बधाई दी और कहा कि खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत व प्रतिभा के बल पर हमेशा ही देश का मान-सम्मान ऊंचा किया है। देश की धरोहर, देश की शान हमारे जिन खिलाड़ियों ने भारत का नाम दुनिया में रोशन किया, उन्हें सड़कों पर इंसाफ मांगते हुए धरना देना पड़ा। इससे भी ज्यादा दुखद ये रहा कि जिन बेटियों ने पदक जीतकर पूरी दुनिया में देश का मान बढ़ाया, उन्हें सरकार के इशारे पर पुलिस लगाकर सड़कों पर घसीटा गया, अपमानित किया गया। इस पुलिसिया तांडव को पूरे देश ने अपनी आंखों से देखा। खिलाड़ी बेटियों को न्याय मिले और जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम अपनी बेटियों का साथ देंगे। दुर्भाग्य की बात है कि सरकार बेटियों के प्रति सौतेले व्यवहार के नए-नए आयाम स्थापित कर रही है।
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