दीपेंद्र हुड्डा बोले- सरकार की परीक्षा किसानों के लिए जानलेवा साबित हाे रही

रोहतक : साल बदल रहा है लेकिन अन्नदाता के प्रति सरकार की सोच नहीं बदल रही। देश का पेट पालने वाले अन्नदाता की ऐसी बेकद्री और सरकार की संवेदनहीनता बहुत दुख पहुंचाने वाली है। ये कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। सांसद दीपेंद्र एक बार फिर किसानों को समर्थन देने उनके बीच पहुंचे थे। रोहतक के मकड़ौली स्थित टोल प्लाजा पर धरनारत किसानों के बीच पहुंचे दीपेंद्र ने किसानों के प्रति सरकार के रवैये पर गहरी चिंता ज़ाहिर की।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का किसान सड़कों ठिठुर रहा है लेकिन उनके वोट लेकर सत्ता तक पहुंचे लोग बंद कमरों में हीटर की आंच सेक रहे हैं। सत्ता की गर्मी के चलते हुक्मरानों को खुले आसमान के नीचे गिरते पारे की ठिठुरन सह रहे किसान के दर्द का अहसास नहीं हो रहा है। ऐसा लगता है कि अन्नदाता की अग्निपरीक्षा के बाद सरकार उसकी शीत परीक्षा ले रही है। लेकिन सरकार की ये परीक्षा किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। लगातार 35 दिनों से चल रहे किसानों आंदोलन के दौरान 40 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है। बावजूद इसके सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। सवाल उठता है कि आख़िर सरकार किसानों की और कितनी क़ुर्बानियां लेना चाहती है?
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसानों की मांगे पूरी तरह जायज़ है। आज मजदूर, कर्मचारी, छोटा कारोबारी, आम उपभोक्ता, आम नागरिक हर वर्ग किसानों के साथ खड़ा है। क्योंकि सबको मालूम है कि ये 3 नए क़ानून अनके जीवन पर भी विपरित असर डालेंगे। तीनों क़ानून बड़े पूंजीपतियों के अलावा किसी के हित में नहीं हैं। सरकार को चाहिए कि वो तुरंत प्रभाव से किसानों की मांग मानते हुए इन क़ानूनों को वापिस ले और एमएसपी की गारंटी का क़ानून बनाने की दिशा में आगे बढ़े।
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