Deepender Hooda बोले : भर्ती परीक्षा में बैठना प्रत्येक सीईटी पास युवा का अधिकार, इस पर कुठाराघात ना करे सरकार

- सड़क से लेकर सदन तक सीईटी क्वालिफाई की मांग उठाने के लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध
- 4 गुणा की कैप लगाकर लाखों बेरोजगार युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही सरकार
- संसद में सीईटी क्वालिफाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस
Haryana : राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी सीईटी (CET) पास युवाओं को भर्ती परीक्षा के लिए क्वालिफाई मानने की मांग के मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया। हरियाणा देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाला राज्य है। सीएमआईई द्वारा हर महीने जारी होने वाले आंकड़े बताते हैं कि पिछले 4-5 साल से तमाम राज्यों को पीछे छोड़ते हुए हरियाणा बेरोजगारी में हमेशा टॉप करता है। प्रदेश में बेरोजगारी दर अक्सर 20 प्रतिशत से ज्यादा रहती है। खुद केंद्र सरकार ने अपने जवाब में बताया है कि हरियाणा में बेरोजगारी कितना भयावह रूप ले चुकी है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार ने हरियाणा के युवाओं के नौकरी पाने के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि पहले हरियाणवी युवाओं को अग्निवीर लाकर भर्ती से रोका गया और अब सीईटी पर 4 गुणा की कैप लगाकर रोक दिया। ऐसा करके बीजेपी-जेजेपी ने लाखों युवाओं से नौकरी पाने की उम्मीद भी छीन ली है। ना उम्मीदी और बेरोजगारी का दंश झेल रहे हरियाणा के युवाओं को समझ नहीं आ रहा कि वो करें तो क्या करें। उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल से बीजेपी-जेजेपी सरकार हर भर्ती को सीईटी का बहाना बनाकर टाल रही है। सरकार का कहना था कि भविष्य में सिर्फ सीईटी पास करने वाले युवाओं को ही भर्ती पेपर देने का अवसर प्राप्त होगा। दिनरात मेहनत करके 3,59,146 युवाओं ने सीईटी पास किया। लेकिन सरकार ने इन युवाओं के साथ धोखा किया और भर्ती के लिए होने वाले स्क्रिनिंग टेस्ट में 4 गुणा को ही क्वालिफाई मानने की कैप लगा दी। यह युवाओं के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। इसलिए प्रदेश का हर युवा व उनके परिजन आज आंदोलनरत हैं।
जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते कांग्रेस ने करनाल से लेकर हिसार तक, सदन से लेकर सड़क तक सीईटी क्वालिफाई की मांग उठाई। लेकिन युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने की नीति पर आगे बढ़ रही बीजेपी-जेजेपी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। यह सीधे तौर पर हरियाणा के युवाओं के भविष्य व अधिकारों पर कुठाराघात है। बाकी राज्यों जैसे राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भर्ती के लिए बुलाए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या 15 गुना है। उन्होंने कहा कि वह देश की सबसे बड़ी पंचायत में हरियाणवी युवाओं का मुद्दा उठाना चाहते हैं। यह मसला सिर्फ 4 गुणा की कैप का नहीं, बल्कि उन्हें सीईटी के रिजल्ट में भी अनेकों खामियों की शिकायतें मिली हैं। प्रश्नों के गलत उत्तर देने से लेकर सोशियो-इकॉनोमिक के अंक आवंटन में भी कई अनियमितताएं उजागर हुई हैं। साथ ही अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं के लिए बनाए गए अलग-अलग ग्रुप में भी न्यायसंगत आधार नहीं रखा गया।
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