दीपेंद्र हुड्डा बोले : पीएम को कम से कम इंसानियत के वास्ते किसानों की मांग को मानना चाहिए

हरिभूमि न्यूज. जींद, उचाना कांग्रेस राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इन दिनों अपने हक की लड़ाई के लिए दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों की मांग की पैरवी के लिए डिप्टी सीएम पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से नहीं मिले बल्कि खुद की पैरवी के लिए मिले कि उनकी गठबंधन की सरकार पांच साल चलेगी।
आज अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों की हर रोज जान जा रही है। इतना होने के बाद भी सरकार किसानों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। पीएम नरेंद्र मोदी को कम से कम इंसानियत के वास्ते किसानों की मांग को मानना चाहिए। आज बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक धरने में शामिल है। करनाल के कनैला में जो कुछ हुआ वो सबने देखा।इस घटना के लिए सीधे तौर पर सीएम जिम्मेदार है। दीपेंद्र हुड्डा वीरवार को गांव छातर गोशाला में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का 50वें दिन धरना जारी है। अनुशासन से किसान धरना दे रहे है। आंदोलन बहुत हुए है लेकिन इस तरह के अनुशासन वाला आंदोलन आज तक नहीं हुआ है।
अनुशासन के रास्ते पर ही सफलता मिलती है। इसी रास्ते पर आज किसान अपना आंदोलन कर रहे है। आज हरियाणा, पंजाब के अलावा राजस्थान, यूपी के किसानों के साथ-साथ दूसरे राज्यों के किसानों का समर्थन भी मिल रहा है। तीन कृषि कानून अगर लागू होते है सबसे पहली मार किसानों पर पड़ेगी लेकिन इस मार से कोई भी अछूता नहीं रहेगा।आज भाजपा के नेता इन कानूनों को देश के हित में बता रहे है आज पूरे देश का किसान कह रहा है कि ये हमारे हक में नहीं है। 300 के करीब संगठन देश में है जो सभी कह रहे है कि ये कानून हमारे हक में नहीं है। इस मौके पर सफीदों के विधायक सुभाष गांगोली, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश, उमेद लोहान, स्वामी आर्यवेश, वीरेंद्र घोघडिय़ा, सतपाल श्योकंद, धर्मेंद्र ढूल समेत कई कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सरकार जनता में खो चुकी है अपना भरोसा : दीपेंद्र हुड्डा
पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार अपना भरोसा जनता में खो चुकी है इसलिए हमने राज्यपाल से अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है। इनेलो के विधायक अभय चौटाला द्वारा किसानों के समर्थन में इस्तीफे की पेशकश पर बोलते हुए कहा कि ये समय विपक्ष को एक साथ मिलकर लड़ाई लडऩे का है,
इस्तीफा देकर बीजेपी सरकार की एक तरह से मदद हो जाएगी इसलिए सदन में इनके खिलाफ वोटिंग करे। किसी भी विधायक को इस्तीफा नही देना चाहिए बल्कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के खिलाफ वोटिंग कर किसानों की आवाज को बुलंद करना चाहिए। आज विपक्ष को आज एकजुट होने की जरूरत है। सरकार के खिलाफ वोटिंग करके दिखाना चाहिए कि किसानों के साथ टकराने से सरकार नही चल सकती है।
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