Deepender Hooda बोले : नूंह की घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत अपना पद छोड़ें मुख्यमंत्री

Haryana : राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने नूंह की घटनाओं पर मुख्यमंत्री के बयान को बेहद ग़ैर-जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जिसमें उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को सुरक्षा (Security) नहीं दी जा सकती है। नूंह की घटनाओं की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए मुख्यमंत्री तुरंत अपना पद छोड़ें। मुख्यमंत्री के इस बयान से न केवल आम जनता का मनोबल टूटेगा अपितु अपराधियों के हौसले भी बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करना सरकार का पहला काम है। जो सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षा नहीं दे सकती, उसे एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। नूंह की घटनाएं या तो सरकार की मिलीभगत है या उसकी नाकामी है। प्रदेश की जनता का इस सरकार से पूरी तरह से विश्वास उठ चुका है। इस सरकार के रहते दंगाईयों पर कार्रवाई की कोई उम्मीद नहीं बची और न ही प्रदेश में सुरक्षा क़ानून व्यवस्था के उचित वातावरण की उम्मीद बची है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता बार-बार हिंसा, आगजनी जैसी घटनाओं से परेशान हो चुकी है। 2005 में हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार बनने से पहले इनेलो और भाजपा की मिलीजुली सरकार के दौरान भी हरियाणा अपराधियों की शरणस्थली बन गया था।
भूपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही असामाजिक तत्वों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि या तो वो अपराध छोड़कर मुख्यधारा में आ जाएं या हरियाणा छोड़ दें। उस समय अपराधियों के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए गए अभियान को लोग आज तक भूले नहीं हैं। कांग्रेस की हुड्डा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में हरियाणा में कभी कोई दंगा नहीं हुआ और कभी कानून-व्यवस्था की व्यापक विफलता का कोई ऐसा उदाहारण देखने को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। आज प्रदेश ही नहीं सारा देश हरियाणा के मुख्यमंत्री से सवाल कर रहा है कि जब आपको पहले से ही पता था कि ये साजिश है तो उस साजिश को नाकाम करने के लिए कौन से कदम उठाए गए।
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