दीपेन्द्र हुड्डा बोले- सरकार किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय नमक छिड़कने का काम कर रही

दीपेन्द्र हुड्डा बोले- सरकार किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय नमक छिड़कने का काम कर रही
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स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा जी की 106वीं जयंती के अवसर पर गांव खेड़ी साध स्थित उनकी समाधि स्थल पर राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान हवन, पूजा और प्रर्थना का आयोजन हुआ।

रोहतक : स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा जी की 106वीं जयंती के अवसर पर गुरुवार को गांव खेड़ी साध स्थित उनकी समाधि स्थल पर राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान हवन, पूजा और प्रर्थना का आयोजन हुआ।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि दुर्भाग्य की बात ये है कि चौ. छोटूराम जयंती के दिन प्रदेश में किसानों को गिरफ्तार किया गया और आज संविधान दिवस पर चौ. रणबीर सिंह जयंती के दिन संविधान को तार-तार करते हुए किसानों से विरोध करने के अधिकार को भी छीनने का काम कर रही है सरकार। किसानों की मांग जायज है हम उनका पूर्ण समर्थन करते हैं।

रोहतक में गुरुवार को कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए सवाल किया कि कहा कि क्या दिल्ली पर किसानों का हक नहीं है? नये कृषि कानूनों से हरियाणा और पंजाब के किसानों को सबसे ज्यादा चोट लगेगी। सरकार किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय नमक छिड़कने का काम कर रही है। सरकार रात को दिन दिखाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि आजादी से पहले एमएसपी की कोई व्यवस्था नहीं थी। एमएसपी का सबसे पहले प्रस्ताव 1948 में संविधान सभा में चौ. रणबीर सिंह जी ने रखा। उसके बाद धीरे धीरे एमएसपी का कानून बना और उसमें फसलें जोड़ी गयी। लेकिन भाजपा सरकार ने 3 नये कृषि क़ानून बनाकर एमएसपी सिस्टम पर सबसे बड़ा प्रहार कर दिया है। अहंकार में डूबी ये सरकार लोगों के फैसले को नहीं मान रही, किसानों की जायज मांगों को नहीं मान रही और लोकतंत्र में शान्तिप्रिय तरीके से अपनी बात रखने के अधिकार को भी छीनने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि अपनी जायज मांगो के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन और दिल्ली कूच कर रहे किसानो पर सत्ता व पुलिसिया जोर की आजमाइश कतई बर्दाश्त करने लायक नही है। कोरोना का हवाला देकर किसान पर बंदिशे लगाने वाली सरकार खुद ठंड व महामारी के मौसम मे अन्नदाता पर वाटर कैनन से पानी की बौछारें कर रही है, आंसू गैस के गोले दाग रही है। ये निर्दयता है। सरकार ने किसानों को आर्थिक तौर पर पहले ही तबाह कर दिया था अब शारीरिक चोट पहुंचा रही है और पूरी तरह उन्हें बर्बाद करने पर तुली हुई है। जायज माँगों के साथ लोकतांत्रिक ढंग से आन्दोलन कर रहे किसानों के रास्ते को हरियाणा की बीजेपी+जेजेपी सरकार पत्थर क्या पहाड़ रखकर भी नहीं रोक पाएगी।

उन्होंने नये कृषि कानूनों को रद्द करने तथा एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाने की मांग की। सांसद दीपेंद्र ने यह भी कहा कि एमएसपी गारंटी के साथ ये प्रावधान भी हो कि एमएसपी से कम में कोई खरीद होने पर जुर्माने के साथ सजा हो। क्योंकि बिना एमएसपी की गारंटी दिये किसी भी क़ानून का कोई औचित्य नहीं है।



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