दीपेंद्र हुड्डा बोले, किसान विरोधी नियमों को तुरंत वापस ले सरकार

दीपेंद्र हुड्डा बोले, किसान विरोधी नियमों को तुरंत वापस ले सरकार
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राज्य सभा सांसद ने हरियाणा में बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा- जजपा की गठबंधन सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बेरोजगारी का सीधा रिश्ता अपराध से है।

रोहतक। राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) ने कृषि से जुड़े तीन अध्यादेशों को किसान (Farmer) विरोधी बताते हुए मांग करी कि अध्यादेशों में किसान विरोधी नियमों को वापस ले सरकार। सरकार के ये अध्यादेश किसान को बर्बाद कर देंगे। यदि इसे लागू किया गया तो किसान आज़ादी से पहले वाली गरीबी के कुचक्र में फंस जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से जुड़ा 'फॉर्मर्स अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस ऑर्डिनेंस' से किसान गरीबी के दलदल में फंसकर अपने ही खेत में मजदूर बन जायेगा। सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की जो गाइडलाइन जारी की है जिसमें कहीं भी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने बताया कि संविधान सभा में मेरे दादा चौ. रणबीर सिंह हुड्डा जी ने पहली बार एमएसपी (MSP) का मुद्दा उठाया था। मेरा ये फर्ज बनता है कि मैं संसद और संसद के बाहर किसानों के हित की आवाज उठाऊं।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि महामारी के इस दौर में किसानों को राहत देने की बजाय केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ाने के बाद तीन कृषि अध्यादेश लाकर किसान को पूरी तरह बर्बाद करने का फ़ैसला लिया है। इस अध्यादेश के बाद किसान के खेत पर कंपनियां खेती करेंगी और किसान की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी। किसान अपनी ही जमीन पर कंपनियों के मजदूर बन जाएंगे और किसानी का अपना वजूद ख़त्म हो जाएगा। इन अध्यादेशों के जरिये आने वाले समय में केंद्र सरकार किसानों को मिलने वाली एमएसपी को खत्म करने की साजिश कर रही है। इन अध्यादेशों से किसानों को नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी कम्पनियों को फायदा होगा।

दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा- जजपा की गठबंधन सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बेरोज़गारी का सीधा रिश्ता अपराध से है। हरियाणा में बेरोज़गारी और अपराध दोनों बेतहाशा बढ़ रहे हैं। हर रोज रोहतक, सोनीपत, झज्जर, भिवानी, जींद समेत पूरे हरियाणा से हत्या, लूट, डकैती और चोरी की खबरें आती हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के वर्ष 2018 के आंकड़े बताते हैं कि हर दिन 3 से 4 हत्याएं, 4 रेप, और 14 अपहरण हुए। हर दिन 1 डकैती, 6 छेड़छाड़, महिलाओं के साथ 39 किसी ना किसी तरह की गंभीर वारदातें हुई हैं। रोज 50 वाहनों की चोरी हुई है। चोरी के वाहन अक्सर वारदातों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल होते हैं। वर्ष 2018 में रोज 54 चोरी, लूट, डकैती और ज़बरन वसूली की वारदातें हुई हैं। इसी तरह के आंकड़े राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के भी हैं। कुल मिलाकर आंकड़े बता रहे हैं कि हरियाणा अब अपराधियों की शरणस्थली बन गया है। गुंडे और अपराधी बेखौफ दनदनाते घूम रहे हैं और प्रदेश सरकार चुप्पी साधे बैठी है। भाजपा सरकार ने अपराध और अपराधियों के आगे घुटने ठेक दिए हैं।

उन्होंने हरियाणा में संक्रमण के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताई और कहा कि राज्य में कोरोना दोगुनी तेजी से बढ़ रहा है। हालात हर रोज गंभीर होते जा रहे हैं। कल एक ही दिन में 750 नये मामले सामने आये हैं। राज्य के सभी 22 जिले इस समय कोरोना की चपेट में हैं। हरियाणा में कोरोना के चलते अब तक 344 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश सरकार इसकी गंभीरता का संज्ञान नहीं ले रही है। सरकार को वक्त रहते कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए विशेष रणनीति तैयार करनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील करी कि सोशल डिस्टेंसिंग और सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बचाव के निर्देशों का पूर्ण पालन करें।

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