कृषि कानूनों को लेकर दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने गठबंधन सरकार पर दागे सवाल

किसानों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) ने प्रदेश में गठबंधन सरकार चला रही बीजेपी और जेजेपी (BJP and JJP) पर कई सवाल दागे हैं। सांसद दीपेंद्र का कहना है कि गठबंधन पार्टियों ने 3 नये कृषि कानूनों (Agricultural laws) के खिलाफ चल रहे आंदोलन को समझने की बजाए उसे दबाने और बदनाम करने की कोशिश की। पहले किसानों पर लाठियां चलाई गईं और फिर आंदोलन की अगवानी कर रहे किसान संगठनों पर आरोप लगाया कि ये कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है।
उन्होंने ने कहा सरकार की तरफ से दावा किया गया कि नये कृषि कानून किसानों के हित में हैं और विरोध करने वाले इन्हें सही से समझ नहीं पाए हैं। लेकिन अब सरकार के तमाम आरोपों, साज़िशों और दावों की पोल खुल गई है। केंद्र और पंजाब में बीजेपी का सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ख़ुद इन 3 कानूनों के खिलाफ खुलकर बोल रहा है। शिअद भी वहीं बात बोल रहा है जो कांग्रेस लगातार कहती आ रही है। आखिरकार शिअद को भी समझ आ गया है कि ये काले कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे।
अकाली @HarsimratBadal_ जी के इस्तीफ़े के बाद इस प्रश्न को और बल मिलता है-
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) September 17, 2020
जब पंजाब के सारे दल किसान के पक्ष में एक हो कर केंद्र के इन किसान-घातक अध्यादेशों के विरोध में आ सकते है तो हरियाणा के सत्तासीन BJP-JJP नेता क्यूँ किसान से विश्वासघात कर रहे है?
किसान-हित से ऊपर सत्ता-लोभ। https://t.co/TDnBLXk40l
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी से सवाल पूछा है कि क्या शिरोमणि अकाली दल ने भी कांग्रेस के उकसावे में ऐसा किया? क्या शिरोमणि अकाली दल भी इन तीन कृषि कानूनों को सही से समझ नहीं पाया? क्या हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफ़ा भी कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है? हरियाणा के किसान आंदोलन और किसान नेताओं पर सवाल उठाने वाली जेजेपी अब क्यों चुप हैं? राज्यसभा सांसद ने कहा कि जेजेपी को किसान आंदोलन पर सवाल उठाने की बजाए खुद की भूमिका पर सवाल उठाने चाहिए।
क्योंकि आज प्रदेश की जनता जेजेपी से पूछ रही है कि क्या बीजेपी को फिर से सत्ता में लाने के लिए जेजेपी दोषी नहीं है? क्या किसानों पर हो रहे अत्याचार में जेजेपी की सबसे बड़ी भूमिका नहीं है? किसान विरोधी कानूनों का समर्थन करने वाली जेजेपी किसान हितैषी कैसे हो सकती है? सरकार ने जब किसानों पर लाठियां बरसाई तो जेजेपी ने सरकार का समर्थन क्यों किया? जेजेपी 3 काले क़ानूनों का समर्थन क्यों कर रही है? उसने शिरोमणि अकाली दल की तरह सरकार से किनारा क्यों किया? जेजेपी नेताओं को किसानों से ज्यादा कुर्सी क्यों प्यारी है?
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सीधी लड़ाई लड़ने की बजाए, लुका-छिपी की रणनीति अपनाती है। वो किसी भी आंदोलन या चुनाव में पहले अपने एजेंट प्लांट करती है। फिर ख़ुद के प्लांट किए गए एजेंट्स से अपना ही विरोध करवाती है और बाद में सरकार विरोधी जनभावना को बांटने के लिए अपने प्लांटेड एजेंट्स का इस्तेमाल करती है। बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में जेजेपी को प्लांट करके ऐसा ही किया था और अब किसान आंदोलन के साथ भी वो ऐसा ही कर रही है। इस आंदोलन को हाईजेक करने के लिए सरकार ने अपने कुछ एजेंट्स किसानों के बीच सक्रिय कर दिए हैं। ये लोग पहले तो जमकर सरकार का विरोध करेंगे और फिर ऐन मौक़े पर सरकार की गोदी में जाकर बैठ जाएंगे। इसलिए किसानों को सरकार द्वारा प्लांट किए गए ऐसे एजेंट्स से सतर्क रहना चाहिए।
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