विवाह शगुन योजना के लाभार्थियों को राशि मिलने में देरी, विधानसभा अध्यक्ष ने लिया कड़ा एक्शन

चंडीगढ़। हरियाणा में विवाह शगुन योजना के तहत लाभार्थियों को रकम मिलने में हो रही देरी को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने गंभीरता से लिया है। उनके संज्ञान पर वित्त विभाग के अधिकारियों ने इस योजना का लाभ विवाह के दिन ही उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के बैंक खाते में अग्रिम राशि जमा करवा दी जाएगी, जिससे बिना विलंब शगुन राशि का भुगतान हो सकेगा। इसके साथ ही विधान सभा की एससी-एसटी मामलों की कमेटी को जिला केंद्रों पर पहुंच कर जांच के निर्देश दिए गए हैं।
विधान सभा की अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए गठित समिति की बुधवार को आयोजित विशेष बैठक में पिछड़े वर्गों से संबंधित अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही पेचिदगियों पर गंभीर चर्चा हुई। बैठक में समिति ने विस अध्यक्ष को शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान समिति की सिफारिशों पर स्कूली बच्चों को टैब उपलब्ध करवाने संबंधी योजना को सिरे चढ़ाने के लिए शिक्षा और वित्त विभाग के अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। समिति की सिफारिशों पर सरकार की ओर से 721 करोड़ रुपये खर्च कर प्रदेश भर में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले वद्यिार्थियों को इंटरनेट डाटा सहित टैब उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
विधान सभा अध्यक्ष ने अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं में आ रही पेचिदगियों को भी वित्त विभाग के अधिकारियों के सम्मुख रखा। उन्होंने कहा कि विवाह शगनु योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। कई बार ऐसे मामले वर्षों तक लंबित रहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समय सीमा निश्चित करनी चाहिए और आवेदन के समय ही सभी औपचारिकताएं पूरी कर लेनी चाहिए। गुप्ता ने समिति से आग्रह किया कि जिला केंद्रों पर पहुंच कर इस योजना के क्रियान्वयन की बारीकी से जांच करनी चाहिए। प्रदेश में सेवा का अधिकार कानून लागू है, इसलिए इस सेवा में विलंब का कोई कारण ही नहीं बनता है।
उन्होंने कहा कि विवाह शगुन में देरी के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। गुप्ता ने कहा कि विवाह के बाद शगुन देने का कोई औचित्य नहीं बनता, बल्कि यह हर हाल में विवाह के दिन ही मिलना चाहिए। इस पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष के सुझाव पर गंभीरता से विचार कर इसके लिए उचित रास्ता निकालेंगे। उन्होंने कहा कि वे शगुन योजना की अग्रिम राशि जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाने की योजना बनाएंगे, जिससे जिला उपायुक्त अपने स्तर पर भुगतान कर सकेंगे।
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