Corona Effect : आम दिनों के मुकाबले दस गुना बढ़ गई ऑक्सीजन की डिमांड

Corona Effect : आम दिनों के मुकाबले दस गुना बढ़ गई ऑक्सीजन की डिमांड
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प्रशासन ने अपने फार्मूले के आधार पर अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति का निर्धारण किया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी अस्पतालों को ऑक्सीजन की अलॉकेशन से अधिक मरीज भर्ती नहीं करने की हिदायत दे चुका है। ऐसे में अस्पताल भी नए मरीजों का उपचार करने में स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं।

रवींद्र राठी : बहादुरगढ़

कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही जिले में ऑक्सीजन की डिमांड भी एकाएक बढ़ गई है, हालांकि जिले में अभी तक ऑक्सीजन सिलेंडरों की की कोई कमी नहीं थी और रूटीन में सप्लाई भी हो रही थी। लेकिन खपत बढ़कर दस-गुणा हो गई है। प्रशासन ने अपने फार्मूले के आधार पर अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति का निर्धारण किया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी अस्पतालों को ऑक्सीजन की अलॉकेशन से अधिक मरीज भर्ती नहीं करने की हिदायत दे चुका है। ऐसे में अस्पताल भी नए मरीजों का उपचार करने में स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही मरीज जीवन के लिए जरूरी सांसों को तरह रहे हैं।

बता दें कि बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में बने ट्रॉमा सेंटर को कोविड सेंटर बना दिया गया है। इसके अलावा ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल, जेजे अस्पताल, दिल्ली अस्पताल, संजय अस्पताल, शिवम आरआर अस्पताल, स्वास्तिक अस्पताल, आरजे अस्पताल व मिशन अस्पताल में भी कोविड मरीजों का उपचार हो रहा है। चिकित्सकों के अनुसार कोरोना संक्रमण फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह ब्लड में ऑक्सीजन की सप्लाई को बाधित करता है। इससे रोगी का एसपीओ-टू यानी ऑक्सीजन सेचुरेशन घटती जाती है। सामान्य एसपीओ-टू 95 तक होती है, लेकिन यह कम होने के कारण ही ऑक्सीजन दी जाती है। अगर 90 से कम सेचुरेशन है, तो 6 से 8 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन दी जाती है। अगर यह 70 से कम है तो 10 से 12 लीटर प्रति मिनट। वेंटीलेटर पर रोगी है तो 50 लीटर तक प्रति मिनट दी जाती है। एचएफएनओ से 30 से 60 लीटर प्रति मिनट तक ऑक्सीजन की सप्लाई दी जाती है। चिकित्सकों के अनुसार फिलहाल दवाओं को पर्याप्त स्टॉक अस्पतालों में उपलब्ध है। हां, अगर आने वाले समय में मरीजों की संख्या बढ़ गई तो दवाओं का टोटा पड़ सकता है।

जेजे अस्पताल की निदेशक डॉ. ज्योति मलिक के अनुसार सामान्य दिनों में जहां अस्पताल में अधिकतम 20 ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत होती थी, वहीं अब 250 ऑक्सीजन सिलेंडरों की आवश्यकता है। लेकिन प्रशासन की तरफ से केवल 60-70 सिलेंडर ही मिल रहे हैं। जबकि हम हिमाचल से लेकर हिसार तक अपने स्तर पर दिन-रात प्रयास कर ऑक्सीजन जुटा रहे हैं।

शिवम आरआर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव राठी ने बताया कि आम तौर पर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की करीब 10 ऑक्सीजन सिलेंडरों की आवश्यकता रहती थी। अब अस्पताल में कोविड के करीब 60 मरीज हैं, जिनमें से केवल 22 से अधिक ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। हमें कम से कम सौ ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत है, लेकिन आपूर्ति 37 रहे हैं।

संजय अस्पताल के निदेशक डॉ. संजय सिंह ने बताया कि पहले एक दिन में 3 से 4 ऑक्सीजन सिलेंडरों लगते थे। लेकिन अब कोविड के लगभग 25 मरीज ऑक्सीजन पर हैं, हमें कम से कम 45 ऑक्सीजन सिलेंडरों चाहिएं, लेकिन मिल केवल 18 रहे हैं। अगर ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़े तो हम ज्यादा मरीज भर्ती कर सकते हैं और लोगों की जान बच सकती है।

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