बारिश के बाद बढ़ी यूरिया की डिमांड : खाद न मिलने से खफा किसानों ने जींद-सफीदों रोड पर लगाया जाम

हरिभूमि न्यूज. जींद
बारिश बंद होने के बाद खेतों में बढ़ी यूरिया की डिमांड को लेकर फिर से हाय तौबा मच गई है। पिल्लूखेड़ा थाना में यूरिया खाद बांटा गया तो खाद न मिलने से खफा किसानों ने थाने के सामने जींद-सफीदों मार्ग पर जाम लगा दिया। वहीं खाद को लेकर सफीदों, उचाना, नरवाना, जुलाना में भी खूब मारामारी रही। अल सुबह किसान खाद बिक्री केंद्रों के बाहर जमा हो गए थे। नरवना में किसानों ने जमकर नारेबाजी भी की।
यूरिया खाद की डिमांड तथा किसानों की मारामारी को देखते हुए बुधवार को खाद पिल्लूखेड़ा थाने में बांटा गया। यूरिया की उपलब्धता एक हजार बैग थी जबकि 1500 के लगभग किसान वहां पर जमा थे। अनुपात के हिसाब से खाद न मिलने से खफा किसान थाने के सामने जींद-गोहाना मार्ग पर आ गए और सड़क पर जाम लगा दिया। किसानों का कहना था कि बारिश के बाद खाद की जबरदस्त जरूरत महसूस की जा रही है। बावजूद इसके घंटों लाइन में लगने के बाद भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रहा है। उधर, बिक्री करने वालों का कहना था कि एक हजार बैग पहंुचे थे जिन्हें किसानों में वितरित कर दिया गया है। पिल्लूखेड़ा थाना के पुलिसकर्मियों ने किसानों को खाद उपलब्ध करवाने तथा संयम बरतने की नसीहत देते हुए जाम खुलवाया।
नरवाना में यूरिया खाद को लेकर किसानों ने काटा बवाल
यूरिया खाद को लेने के लिए बुधवार अल सुबह से ही किसान खरीद केंद्रों के बाहर लाइन में लगे हुए थे। कुछ समय खाद वितरित करने के बाद स्टॉक न होने की बात कही गई। जिस पर किसान बिफर गए। किसानों ने खरीद केंद्रों के बाहर बवाल काटना शुरू कर दिया। किसानों का कहना था कि तीन दिन पहले गोदाम से 360 कट्टे बरामद हुए थे। अब 2800 कट्टांे का स्टॉक यहां पर पहंुचा था। कुछ किसानों को खाद देने के बाद लाइन में लगे अन्य किसानों को कह दिया गया कि अब खाद उनके पास नहीं बचा है।
यूरिया खाद लेने के लिए कड़ाके की ठंड में किसान लगे लाइनों में
बारिश के बाद उचाना में भी यूरिया खाद की डिमांड बढ़ गई है। पुरानी मंडी, रजबाहा रोड पर खाद की प्राइवेट दुकानों पर यूरिया खाद आया। सुबह ही मंडी में किसान पहुंचे लगे थे। कड़ाके की ठंड में अपनी फसल को खराब होने से बचाने के लिए यूरिया खाद लेने के लिए लंबी लाइनों में किसान लगे नजर आए। कई-कई घंटे लाइनों में लग कर किसानों को यूरिया लेने के लिए इंतजार करना पड़ा। आधार कार्ड पर किसानों को यूरिया के बैग दिए गए। महिलाएं भी काफी संख्या में खाद लेने के लिए पहुंची।
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