बढ़ाए गए कलेक्टर रेटों पर तकरार, 50 से 75 फीसदी तक रेट कम करने की उठी मांग

बढ़ाए गए कलेक्टर रेटों पर तकरार, 50 से 75 फीसदी तक रेट कम करने की उठी मांग
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प्रशासन की ओर से शुक्रवार को बढ़ाए गए कलेक्टर रेट पर आए ऑब्जेक्शनों पर सुनवाई की। प्रॉपर्टी कारोबारियों के साथ आम लोगों ने भी इन रेटों को कम करने की मांग उठाई। आप पार्टी की ओर से भी बढ़ाए गए रेटों पर कड़ी आपत्ति जताकर दिए गए ऑब्जेक्शनों पर कार्रवाई करने की मांग की गई।

अंबाला। प्रशासन की ओर से शुक्रवार को बढ़ाए गए कलेक्टर रेट पर आए ऑब्जेक्शनों पर सुनवाई की। प्रॉपर्टी कारोबारियों के साथ आम लोगों ने भी इन रेटों को कम करने की मांग उठाई। आप पार्टी की ओर से भी बढ़ाए गए रेटों पर कड़ी आपत्ति जताकर दिए गए ऑब्जेक्शनों पर कार्रवाई करने की मांग की गई। हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से किसी ऑब्जेक्शन पर कार्रवाई नहीं की। शुक्रवार को कलेक्टर रेट पर आए ऑब्जेक्शनों पर सुनवाई के लिए डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने एडीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने ही सभी ऑब्जेक्शनों पर सुनवाई की।

आम आदमी पार्टी की उत्तरी भारत की संयोजक चत्रिा सरवारा ने कहा कि अंबाला छावनी में मलबे की रजस्ट्रिी होती थी वह भी काफी समय से बंद पड़ी हैं। ऐसे में सरकार द्वारा कलेक्टर रेट बढ़ाने का कोई औचत्यि नहीं है। उन्होंने कहा कि जब रजस्ट्रिी मलबे की होती है तो सरकार भूमि का रेट कलेक्टर रेट के हिसाब से किस बात का लेना चाहती है उन्होंने कहा कि अंबाला सदर क्षेत्र की रजस्ट्रिी ही बिना किसी कारण के बंद है। यदि किसी की रजस्ट्रिी हो भी जाती है तो सरकार नगर परिषद और तहसील कार्यालय रजस्ट्रिी कराने वाले व्यक्ति से हलफनामा लेती है कि इस जमीन की मालिक सरकार है। जब जमीन की मालिक ही सरकार है तो कलेक्टर रेट किस बात का ?

50 से 75 फीसदी कम हो कलेक्टर रेट

आप नेत्री चत्रिा सरवारा के साथ इनेलो नेता ओंकार सिंह और पूर्व नप सदस्य ओंकार नाथी ने कहा कि जब भूमि की मालिक ही सरकार है तो कैंट क्षेत्र में कलेक्टर रेट होना ही नहीं चाहिए। अन्य क्षेत्रों में प्रॉपर्टी कारोबार में मंदे की वजह से इन लोगों ने सरकार को कलेक्टर रेट 50 से 75 फीसदी तक कम करने की मांग की। इन लोगों ने कहा कि मंदे की वजह से प्रॉपर्टी कारोबार पूरी तरह से तबाह हो चुका है। ऐसे में बढ़े कलेक्टर रेटों की वजह से कारोबार पूरी तरह से चौपट हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार को रेट बढ़ाने की बजाय उल्टा कम करने चाहिए ताकि जनता पर अतिरक्ति आर्थिक बोझ न पड़े। आग्रह के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर रेट का एक प्रस्ताव बनाया गया है। उसमें रेट कम नहीं किए गए। जो भूमि, प्लाट त्रिकोण, नाले के साथ, रास्ते छोटे व रोड से दूर हैं और जो बढ़िया भूमि है उन सब के रेट लगभग एक जैसे हैं। कहा कि सरकार के आदेशानुसार हर छह माह में कलेक्टर रेट की समीक्षा होती है लेकिन प्रॉपर्टी डीलर्स व आम जनता को इसमें कोई राहत नहीं दी गई।

जमीन फ्री होल्ड पर लूटते हैं झूठी वाहवाही

चत्रिा समेत दूसरे प्रॉपर्टी कारोबारियों ने कहा कि मंत्री अंबाला छावनी को फ्री होल्ड कराने के लिए वाहवाही तो लूटते है परंतु असल मे धरातल पर अंबाला सदर की रजस्ट्रिी बंद है। 2014-15 में एक कमेटी भी बनाई गई थी जिसने रेट फाइनल करने थे लेकिन आठ साल बाद भी इस पर कुछ नहीं हुआ। इसी कारण करोड़ों की जमीन के मालिक बैंक से छोटा सा भी लोन नहीं ले सकते। न ही जमीन बेच सकते हैं।

इन लोगों ने भी दिए ऑब्जेक्शन

सुनवाई के दौरान पुरानी व नई अनाजमंडी में बढाए गए कलेक्टर रेट को लेकर पर आपत्ति जताई। अंबाला शहर के सेक्टर 8 9 और 10 के साथ वाटिका सिटी सेंटर में बढ़ाए गए कलेक्टर रेट को लेकर भाजपा के निगम सदस्य यतिन बंसल ने आपत्ति दर्ज करवाई। अंबाला शहर के ही सेना नगर में कलेक्टर रेट बढ़ाए जाने को विजय गुलाटी ने पूरी तरह नाजायज करार दिया है। गांव कौंला में कलेक्टर रेट बढ़ाए जाने पर विजेंद्र सिंह ने आपत्ति जताई। गांव माजरी में कलेक्टर रेट बढ़ाए जाने पर गुरमीत सिंह व अंकुश सिंह द्वारा ऑब्जेक्शन दिया गया।

इसके अलावा अंबाला छावनी में रेट बढ़ाए जाने पर प्रेम गुप्ता ने उन्हें तुरंत वापिस लेने की बात कही। सीएलयू को लेकर कपिल ने ऑब्जेक्शन दिया। जबकि नहान फाउंडरी को लेकर भी आपत्ति दर्ज करवाई गई।अंबाला शहर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी को लेकर आदिश कुमार अग्रवाल व रियल स्टेट बल्डिर एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक एवं पूर्व नप सदस्य ओंकार नाथी ने भी कड़ी आपत्ति जताई।

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