शिक्षकों की मांग को लेकर निराला प्रदर्शन : सड़क पर पाठशाला लगाकर अभिभावकों ने विद्यार्थियों की करवाई पढ़ाई

हरिभूमि न्यूज. कैथल/कलायत
कलायत खंड के गांव दुमाड़ा के सरकारी स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर ग्रामीणों ने निराला प्रदर्शन किया। इस दौरान स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर अभिभावकों ने सड़क पर विद्यार्थियों की पढ़ाई करवाई।
मुख्य गेट के सामने प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि मीडिल स्कूल में महज एक शिक्षक कार्यरत है। जबकि शिक्षा विभाग द्वारा 4 पद स्वीकृत हैं। इस मायने में ग्रामीण बच्चों के साथ पढ़ाई के नाम पर खिलवाड़ हो रहा है। जब स्कूल में शिक्षक ही नहीं तो पढ़ाई कैसे संभव है। इसलिए उन्होंने शिक्षा विभाग को आइना दिखाने के लिए स्कूल पर ताला जड़कर सड़क पर खुद पढ़ाई करवाने का निर्णय लिया गया है। जब तक मांग के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती तब तक स्कूल के बाहर ताला लटका रहेगा। यदि इससे भी समस्या का हल नहीं होता तो स्कूल को गौशाला और पशुशाला में तबदील करने को ग्रामीण मजबूर होंगे।
पूर्व सरपंच साधु राम,रमेश कश्यप, महिपाल, सागर, टेक राम, देवेंद्र कुमार, मांगे राम, बलबीर, पवन कुमार, रविन्द्र, राजबाला, कमला, फूलपत्ती, चंद्रपति, शीला, मूर्ति, नीलम, कोमल, प्रमिला,अनिता और अन्य ग्रामीणों ने कहा कि गांव में एक ही सरकारी स्कूल है। राष्ट्रपति द्वारा स्वच्छता अवार्ड से सम्मानित इस गांव में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण हमेशा प्रयासरत रहे हैं। लेकिन अभूतपूर्व सहयोग के बाद भी न जाने क्यों शिक्षा विभाग गांव में शिक्षकों की मांग के अनुरूप नियुक्ति नहीं कर रहा है। ग्रामीणों में शिक्षा विभाग की इस प्रकार की बेरुखी को लेकर भारी रोष है। दीगर है कि करीब एक माह पहले भी इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला जड़ा था। उस दौरान शिक्षा अधिकारियों ने 15 दिन में शिक्षकों के रिक्त पद भरने का भरोसा दिलाया गया था। वायदे अनुरूप कार्रवाई न होने पर ग्रामीणों ने फिर से विरोध का बिगुल फूंक दिया है।
भाजपा कलायत मंडल अध्यक्ष महिपाल राणा ग्रामीणों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे। तत्काल महिला एंव बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा को स्थिति से अवगत करवाया। जानकारी मिली कि मंत्री के माध्यम से दो शिक्षकों की दुमाड़ा गांव में नियुक्ति को लेकर कार्रवाई जारी है। पुन: शिक्षा निदेशालय से इस विषय को लेकर स्टेटस रिपोर्ट ली जाएगी। बेटियों और बेटों की शिक्षा में कहीं गतिरोध नहीं आने दिया जाएगा।
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