Alert : कोरोना और डेंगू की जुगलबंदी मरीज के लिए हो सकती है जानलेवा

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र
कोरोना के साथ-साथ डेंगू की जुगलबंदी मरीज के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसी स्थिति में संक्रमित रोगी की जान भी जा सकती है। ऐसे मरीज बुखार होने की स्थिति में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें। करोना के साथ-साथ दूसरी जांच भी जरूर कराएं, जिससे डेंगू की पुष्टि हो सके।
यह चेतावनी लोकनायक जयप्रकाश जिला नागरिक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और ह्रदय एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने दी। उन्होंने बताया कि डेंगू का इनक्यूबेशन पीरियड 7 दिन और कोरोना का 14 दिन का होता है। संक्रमित मरीज को डेंगू होने पर उसके शरीर में एक साथ दो वायरस सक्रिय हो जाते हैं जो खतरनाक स्थिति है। कोरोना से फेफड़ों के प्रभावित होने के कारण उसके शरीर में खून में थक्का जमने लगता है और ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है जिससे रोगी को सांस लेने में दिक्कत होती है। दूसरी तरफ डेंगू के मरीज के खून में प्लेटलेटस कम हो जाते हैं और दिल की धड़कन बंद हो जाती है। इससे मरीज की परेशानी और बढ़ जाती है।
डॉ. शैली ने बताया कि कोरोना वायरस के के संग डेंगू के लक्षण की शुरुआत में समान लक्षणों के चलते पहचान करना बहुत मुश्किल है। कोरोना सबसे ज्यादा फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और डेंगू शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करने लगता है। ऐसे में कोरोना के साथ डेंगू होने पर मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत है। हालांकि दोनों के लिए कोई कारगर दवा मौजूद नहीं है इसलिए मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए लोगों को साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए तभी दो वायरस के साथ एक साथ लड़ाई लड़ी जा सकती है।
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