Depender Hooda बोले, बरोदा की जनता और सरकारी तंत्र के बीच होगा बरोदा का उप चुनाव

Depender Hooda बोले, बरोदा की जनता और सरकारी तंत्र के बीच होगा बरोदा का उप चुनाव
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राज्यसभा (Rajya Sabha) सदस्य व CWC सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने रविवार को बरोदा हलके के गांव गंगाना, बुटाना, बनवासा वाया कोहला, गढ़वाल का दौरा (tour) किया।

सोनीपत : राज्यसभा सदस्य व CWC सदस्य दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) ने रविवार को बरोदा हलके के गांव गंगाना, बुटाना, बनवासा वाया कोहला, गढ़वाल का दौरा किया। वे बरसात के कारण बुरी तरह प्रभावित हो गांव गढ़वाल, बनवासा, रींढाना, छपरा आदि में पहुंचे, जहाँ खेतों में पानी भरने से फसलों को भारी क्षति हुई है। सांसद दीपेन्द्र ने खुद खेतों में फसलों को हुए नुकसान का मुआयना किया और सरकार से बरसाती पानी की निकासी कराने व पीड़ितों को जल्द उचित मुआवजा देने की मांग की।

उन्होंने सोनीपत के गोहाना में विधायक जगबीर मलिक के निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार सरकारी तंत्र (Government machinery) का दुरुपयोग कर रही है। बहुत से सरपंचों पर दबाव बना रही है। उनके फोन टेप किये जा रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेताया कि चुनाव में सरकारी तंत्र का प्रयोग करने से सफलता नहीं मिलेगी।

हमारे इलाके को सरकार जितना निशाने पर लेगी, उतनी बड़ी हार का मुंह बरोदा में भाजपा को देखना पड़ेगा। ये चुनाव सरकारी तंत्र और बरोदा की जनता के बीच है, और मुझे अटूट विश्वास है कि बरोदा की जनता जीतेगी और सरकारी तंत्र हारेगा।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि चुनाव में इस सरकार की विफलता का मुद्दा है, बरोदा हलके की पूर्ण अनदेखी का मुद्दा है और हुड्डा सरकार के समय यहां किये गये काम का मुद्दा है। यही गांव, यही खेत मेरी कर्मभूमि रहे हैं। ये इलाका स्वाभिमानी इलाका है। लोगों ने अब फैसले का मन बना लिया है। यहां चुनाव का नतीजा प्रदेश की राजनीति को नयी दिशा देने का काम करेगा। नतीजे वाले दिन से ही इस सरकार की उल्टी गिनती शुरु हो जायेगी।

इस इलाके के काम बनाम भाजपा की खट्टर सरकार में इलाके की अनदेखी का हिसाब-किताब 36 बिरादरी इस चुनाव में लेगी। सांसद दीपेंद्र ने किसानों की दुर्दशा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भाजपा ने गत चुनाव में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वायदा करके वोट मांगे थे और उसके सत्ता में आते ही किसानों की आमदनी पहले जितनी भी नहीं रही और खर्चे दोगुने हो गये। कांग्रेस सरकार के समय किसानों को फसल के अच्छे रेट मिलते थे और वो कर्ज मुक्त हो गया था।


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