Sawan Shivratri : शिवरात्रि पर हर तरफ बम भोले की गूंज, रात से ही शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब, जलाभिषेक कर मांग रहे मन्नतें

Sawan Shivratri : आज श्रावण मास की शिवरात्रि है, देर रात से शिव भक्तों ने विभिन्न मंदिराें में पहुंचकर शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुरू कर दिया। हर तरफ बम भोले की गूंज है। जलाभिषेक के लिए कांवडि़यों व भक्तों की कतारें मंदिरों में लगी हुई है। मंदिरों के बाहर व अंदर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मंदिर कमेटियों तथा धार्मिक व सामाजिक संगठनों की ओर से लगाए गए शिविरों में कावड़ियों का स्वागत किया गया। उनके खान-पान, चिकित्सा तथा ठहरने की पूरी व्यवस्था की गई है। प्रदेश में हर तरफ भक्तिमय का वातावरण दिखा। कहीं बोल बम के नारे लग रहे थे तो कहीं हर हर महादेव के नारे। मंदिरों में भक्तजन जलाभिषेक कर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर रहे हैं। हर छोटे बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। वहीं कई मंदिरों में रुद्राभिषेक का कार्यक्रम भी आयोजित हुआ साथ ही इस दौरान कई मंदिरों पर भंडारे का आयोजन और प्रसाद का भी वितरण किया गया।
वहीं कुरुक्षेत्र के प्राचीन एवं ऐतिहासिक श्रीकालेश्वर महादेव मंदिर में भक्त पूजा अर्चना व आरती कर रहे हैं। श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने बताया कि कालेश्वर महादेव की श्रावण मास में पूजा व आरती करने का विशेष महत्व है। कालेश्वर महादेव देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव नंदी को छोड़कर प्रकट हुए थे और महाप्रतापी राजा रावण को काल पर विजय का आशीर्वाद दिया था। इस मंदिर में नंदीगण नहीं है। भगवान कालेश्वर की पूजा करने से व्यक्ति की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती। इस मंदिर में सोमवार और शनिवार को पूजा का विशेष महत्व है और दूर दराज के प्रदेशों और विदेशों से श्रद्धालु इस मंदिर में श्रावण मास में विशेष पूजा करने के लिए आते हैं।
छोटी कांशी में देश में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की
भिवानी में स्थानीय हालुवास गेट स्थित सिद्धपीठ बाबा जहरगिरी आश्रम परिसर में मंगलवार को शिवरात्रि के अवसर पर खासी भीड़ रही। शिवरात्रि के अवसर पर जहरगिरी आश्रम में स्थापित प्रदेश के एकमात्र पारद शिवलिंग पर श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक एवं दुग्धाभिषेक कर भगवान शिव से देश में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। इस मौके पर आश्रम के पीठाधीश्वर अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत जूना अखाड़ा डॉ. अशोक गिरी महाराज ने भी पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर गंगाजल से जलाभिषेक किया। इस मौके पर महंत डॉ. अशोक गिरी महाराज ने कहा कि श्रावण माह में भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है। यह मंदिर छोटी कांशी भिवानी का सबसे प्राचीनतम मंदिर है तथा यही पर प्रदेश का एकमात्र पारद शिवलिंग भी स्थापित है।
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