Dev Uthani Ekadashi 2023 : देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को, फिर बजने लगेंगी शहनाई

Dev Uthani Ekadashi 2023 : देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को, फिर बजने लगेंगी शहनाई
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करीब 147 दिनों के बाद शहनाई गूंजेगी। इस दिन अबूझ सावा होने के कारण शादियों की धूम रहेगी। चातुर्मास के कारण बीते 147 दिनों से विवाह का कोई भी योग नही था।

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र। चार माह से सोए देव 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर जाग जाएंगे। इसके साथ ही शहनाई गूंजने लगेंगी और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। करीब 147 दिनों के बाद शहनाई गूंजेगी। इस दिन अबूझ सावा होने के कारण शादियों की धूम रहेगी। चातुर्मास के कारण बीते 147 दिनों से विवाह का कोई भी योग नही था।

23 नवंबर को चातुर्मास खत्म होने के साथ ही शादी की शहनाइयां गूंजेगी। देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को है। देवउठनी एकादशी के साथ ही विवाह समारोह तो शुरू होंगे ही साथ ही तुलसी विवाह की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। इस साल 24 नवंबर को तुलसी विवाह होगा। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं जिसमें से हर महीने 2 एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष की एकादशी और दूसरी शुक्ल पक्ष की एकादशी। कार्तिक मास में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी को तुलसी विवाह होता है। इस दिन विष्णु जी योग निद्रा से जागते हैं और भगवान विष्णु और तुलसी जी का विवाह इसी दिन होता है। तुलसी विवाह का बहुत महत्व बताया गया है।

देवउठनी एकादशी का महत्व

गायत्री ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र के संचालक डॉ रामराज कौशक ने बताया कि देवशयनी एकादशी तिथि से भगवान श्रीहरि क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं। यही कारण है कि इस तिथि से सभी मांगलिक कार्य भी बंद हो जाते हैं। वहीं, देवउठनी एकादशी तिथि वह तिथि है जब भगवान विष्णु अपनी निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास समाप्त होता है। भगवान विष्णु के निद्रा से जागने के साथ ही सभी मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं।देवउठनी एकादशी अपने आप में एक अबूझ मुहूर्त है। इसका मतलब है कि इस दिन सभी मांगलिक और धार्मिक कार्य बिना मुहूर्त देखे प्रारंभ किए जा सकते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु और तुलसी जी का विवाह होता है।

देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि का प्रारम्भ 22 नवम्बर 2023 को दोपहर 01 बजकर 33 मिनट पर होगा और इसका समापन 23 नवम्बर को सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में एकादशी व्रत 23 नवम्बर को किया जाएगा।लेकिन तुलसी विवाह द्वादशी तिथि में 24 नवंबर शुक्रवार को होगा।

तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त

गायत्री ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र के संचालक डॉ रामराज कौशक ने बताया कि इसी शुभ मुहूर्त के चलते तुलसी विवाह 24 नवंबर, 2023, शुक्रवार के दिन किया जाएगा। आप अपने घर पर शालिग्राम और तुलसी जी का विवाह कर सकते हैं। ऐसा करने आपके घर मे सुख -समृद्धि आएगी। कार्तिक मास का बहुत महत्व है। इस मास में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों का भी बड़ महत्व है।

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