रोहतक पहुंचे डीजीपी शत्रुजीत कपूर, बोले : महिला सुरक्षा को लेकर चलाया जाएगा सेफ सिटी अभियान

- एक हफ़्ते में लोगों की शिकायतों का निपटान करके लोगों से लिया जाएगा फीडबैक
- साइबर अपराध व संगठित अपराध के नेटवर्क को तोड़ना पुलिस का मकसद
- रोहतक व गुड़गांव में कामयाब होने पर इस मॉडल को पूरे राज्य में किया जाएगा लागू
Rohtak : पुलिस विभाग आम आदमी द्वारा किसी भी माध्यम से प्राप्त शिकायत का निपटान एक हफ़्ते के भीतर करके इस बारे लोगों का फीडबैक प्राप्त करेगा। इस फीडबैक के माध्यम से पुलिस की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा। हरियाणा पुलिस रोहतक और गुरुग्राम में महिला सुरक्षा को लेकर सेफ सिटी नाम का एक पायलेट प्रोजेक्ट चलाएगी। इस प्रोजेक्ट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक संगठित प्रयास किया जाएगा, जिसमें उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुरक्षित आवागमन और शिक्षण संस्थानों व कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाया जाएगा। यह कहना है पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर का। वे बुधवार को रोहतक रेंज ऑफिस पहुंचे थे।
उन्होंने हरियाणा पुलिस की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि पुलिस विभाग की प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा और क़ानून-व्यवस्था को बनाए रखना है। उनके कार्यकाल के दौरान उनका मुख्य लक्ष्य महिला सुरक्षा रहेगा। इसके लिए रोहतक और गुरुग्राम में महिलाओं के लिए सेफ सिटी का प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। इसके लिए पुलिस प्रशासन स्थानीय कैब यूनियन, ऑटो यूनियन व पब्लिक ट्रांसपोर्टर इत्यादि से तालमेल करके महिलाओं को सुरक्षित ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाएगा। शिक्षण संस्थानों के बाहर सुरक्षा के मद्देनजऱ सीसीटीवी और सुरक्षा गार्ड की तैनाती भी सुनिश्चित की जाएगी। संवेदनशील जगहों पर पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। जिन स्थानों पर युवा व असामाजिक तत्व झुंड बना कर खड़े रहते है उन स्थानों को चिन्हित करके वहां पर पुलिस पेट्रोलिंग की जाएगी। छेड़-छाड़ के मामलों पर एफ़आइआर दर्ज कर तुरंत कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों का निश्चित समयावधि में निपटान करके इसका फीडबैक लोगों से प्राप्त किया जाएगा। इस फीडबैक के आधार पर पुलिस अपनी कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने में इस्तेमाल करेगी। कानून व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए हर जिले में दो-दो पुलिस की टुकड़ियां तैयार की जा रही है। ये टुकड़ियां आधुनिक उपकरणों व हथियारों से लैस रहेंगी और हर हफ़्ते इनका प्रशिक्षण करवाया जा रहा है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ये हमेशा मुस्तैद रहें। पुलिस फोर्स की कैपेसिटी बिल्डिंग के बाद आपात स्थिति से निपटने में हमारी बाहरी फ़ोर्स पर निर्भरता काफ़ी कम हो जाएगी। आपराधिक मामलों से निपटने के लिए पुलिस फ़ोर्स व एसटीएफ को मजबूत किया जाएगा और कोर्ट में कन्विक्शन रेट को बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। हमारी मैनपावर काफ़ी काबिल है। सही लीडरशिप के साथ इसकी क्षमता कई गुना बेहतर उभर कर आएगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग की क्षमता को बढ़ाने में मीडिया भी अपनी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने मीडिया से आह्वान किया कि वे विभाग की उपलब्धियों को भी लोगों को बताए। पुलिस लोगों की भलाई के लिए जो कार्य कर रही है, उसके बारे भी लोगों को जागरूक करें। पुलिस अपने कर्मचारियों के वेलफेयर के क्षेत्र में भी कार्य कर रही है। पार्ट टाइम पर लगे पुलिसकर्मियों के बच्चों को रोजग़ार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से विभिन्न तकनीकी कोर्स में उनकी स्किल विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। नशे से निपटने के लिए विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर पर ग्राम प्रहरी और वार्ड स्तर पर वार्ड प्रहरी बनाए गए है। ये लोग अपने क्षेत्र में नशा करने वाले लोगों व नशा बेचने के कार्य में संलिप्त तस्करों की पहचान करके उनकी सूचना पुलिस को देते हैं। इसके साथ वे नशे के खिलाफ लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं। साइबर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस विभाग ने विशेष डेस्क बनाई हुई है। विभाग बैंक और टेलीकॉम कंपनियों के साथ तालमेल करके साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहा है।
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