Dhanteras : धनतेरस पर 19 साल बाद बन रहा अबूझ मुहूर्त, 5 शुभ योग देंगे अत्यंत लाभ

Dhanteras : धनतेरस पर 19 साल बाद बन रहा अबूझ मुहूर्त, 5 शुभ योग देंगे अत्यंत लाभ
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धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। इस दिन की खरीददारी चिरस्थायी रहती है। पंडितों के अनुसार इस मुहूर्त में शुभ कार्य, लेनदेन भी शुभ माना जाता है।

हरिभूमि न्यूज : फतेहाबाद

दीपावली से पहले आने वाले त्यौहार धनतेरस का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस दिन अबूझ मुहूर्त अर्थात अत्यंत शुभकारी मुहूर्त माना जाता है। इस बार धनतेरस का त्यौहार ओर भी खास हो गया है। 23 अक्टूबर को धनतेरस पर बन रहे 5 शुभ योग अत्यंत लाभ देने वाले रहेंगे। 5 शुभ योग 19 साल बाद एक ही दिन में रहेंगे। इससे पहले यह योग वर्ष 2003 में बना था।

धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। इस दिन की खरीददारी चिरस्थायी रहती है। पंडितों के अनुसार इस मुहूर्त में शुभ कार्य, लेनदेन भी शुभ माना जाता है। शाम के समय प्रदोष काल में पूजा के बाद ज्वेलरी, इलेक्ट्रिक सामान और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा की खरीददारी का विशेष महत्व होता है। श्री श्याम मंदिर के पुजारी राजेश शर्मा ने बताया कि इस बार पंचाग के अनुसार दीपावली पर 5 शुभ योग बनने जा रहे हैं। ऐसा 19 साल बाद हो रहा है कि धनतेरस सुबह से देर रात तक मंगलकारी और लाभदायी होगी। धनतेरस पर रविवार और प्रदोष का होना अति शुभ है। ज्योतिषों के अनुसार धनतेरस पर गृहउपयोगी सामान खरीदने की प्राचीन परम्परा है। ऐसी मान्यता है कि समुंद्र मंथन के समय कलश के साथ माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। उसी के प्रतीक के रूप में ऐश्वर्य वृद्धि, सौभाग्यवृद्धि के लिए बर्तन खरीदने की परम्परा आरंभ हुई। इस दिन स्थिर लगन में बर्तन आदि कोई भी धातु खरीदना शुभ फलदायक होता है।

इस बार त्रयोदशी तिथि का मान 22 अक्टूबर शनिवार रात 12.47 से 23 अक्टूबर रविवार रात 11.55 तक है। यानि त्रयोदशी तिथि अर्थात धन त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर को सूर्योदय से रात 11.55 तक रहेगी। इसलिए गृहउपयोगी सामान त्रयोदशी तिथि के स्थिर लगन में खरीदना अच्छा होगा। पंडित राजेश शर्मा ने बताया कि इस दिन सम्पूर्ण दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, ब्रह्मयोग एवं धूम्र योगा व्याप्त रहेगी। इस दिन लक्ष्मी पूजन हेतु श्रेष्ठ मुहूर्त प्रदोष काल एवं वरिष्ठ लगन शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक और वृषभ काल का समय 6 बजकर 58 मिनट से रात 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

यह हैं 5 शुभ योग

1. चन्द्रमा - मंगल की कन्या राशि में युति रहने पर लक्ष्मी योग निर्मित होगा।

2. सूर्या और बुध के भी इसी राशि में रहने बुधादित्य योग रहेगा।

3. रात में सूर्य के राशि परिवर्तन करने से तुला संक्रांति योग रहेगा।

4. इस दिन सूर्योदय से स्वार्थसिद्धि योग रहेगा।

5. शाम को प्रदोष रहेगा। शाम को पूजा करने से सभी दोष दूर होते हैं।

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