धारूहेड़ा नपा चेयरमैन विवाद : कोर्ट से राहत मिलने पर कंवर ने ताज की आस में बदला पाला, अरविंद को छोड़ केंद्रीय मंत्री की ली शरण

हरिभूमि न्यूज, रेवाड़ी
राजनीति अनिश्चिताओं को खेल है। दिसंबर 2020 में संपन्न हुए नपा चुनाव के बाद से ही धारूहेड़ा नपा की राजनीति में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। आठ माह पहले चुनाव जीतकर अरविंद की उंगली पकड़कर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चुके कंवर सिंह आठ माह से ताज का इंतजार खत्म होने की उम्मीद में रामपुरा हाउस के शरण में पहुंच गए हैं। मंगलवार को दिल्ली पहुंचकर कंवर सिंह ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से मुलाकात की।
इससे पहले 30 दिसंबर को मतदान में मिली जीत के बाद कंवर सिंह ने हरको बैंक चेयरमैन के साथ चंडीगढ़ पहुंचकर एक जनवरी को मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात की थी। जिसके बावजूद जिस फर्जी सर्टिफिकेट विवाद में प्रदेश निर्वाचन आयोग ने निर्वाचित होने के बावजूद बिना शपथ के 74 दिन बाद चुनाव को रद किया था। हाईकोर्ट ने उसी सर्टिफिकेट को सही मानते हुए 178 दिन बाद प्रदेश निर्वाचन आयोग के कंवर सिंह को चुनाव रद्द करने के आदेश को ही रद्द कर दिया। निर्वाचित होने के 252 दिन भी शपथ का इंतजार कर रहे कंवर सिंह को कोर्ट से राहत मिलने के बाद इस बार चंडीगढ़ की बजाय दिल्ली का रास्ता ही सही नजर आया और उन्होंने हाईकोर्ट में बुधवार को होने वाली सुनवाई से एक दिन पहले दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय मंत्री के दरबार में माथा टेक दिया, ताकि कोर्ट से राहत मिलने के बाद ताज हालिस करने में कोई बाधा उत्पन्न न होने पाए।
इससे पूर्व 13 सितंबर को हुई सुनवाई से एक दिन पहले रविवार को उपचुनाव लड़ने वाले नौ उम्मीदवारों में से सात ने मतदान से एक दिन पहले आए कोर्ट के फैसलें का एकतरफा बताते हुए कंवर सिंह पर भी जनता के साथ विश्वाघात करने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं सात उम्मीदवारों ने कंवर सिंह के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट के फैसलों को भी चुनौती देने का ऐलान किया था। जिससे माना जा रहा है कि बदली परिस्थितियों में कोर्ट से राहत मिलने पर फिर से सक्रिय हुए अपनी विरोधियों की मंशा को भांपते हुए राव इंद्रजीत सिंह की मुलाकात कर विरोधियों के विरोध की धार को कुंद करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी पद हासिल करने से वंचित रहे कंवर सिंह को राव इंद्रजीत सिंह से मुलाकात का कितना लाभ मिल पाता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
बिना शपथ गंवा दिया था पद
धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन निर्वाचित हुए कंवर सिंह को संदीप बोहरा की शिकायत पर फर्जी सर्टिफिकेट विवाद में निर्वाचन के 74 दिन बाद बिना शपथ अपना पद गंवाना पड़ा था। प्रदेश निर्वाचन आयोग के फैसले को हाईकोर्ट ने 178 दिन बाद रद्द कर कंवर सिंह की सिर ताज सजने की उम्मीदों को फिर से जिंदा कर दिया। 10 सितंबर को आए कोर्ट के फैसलें के बाद प्रदेश निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव के लिए 12 सिंतबर को होने वाले मतदान को तो रद कर दिया था, परंतु शायद सरकार व प्रदेश निर्वाचन आयोग कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपनाए हुए हैं। जिससे कोर्ट का आदेश आने के चार दिन बाद भी कंवर सिंह को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
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