धारूहेड़ा नपा चुनाव विवाद : एक मंच पर आए सभी विरोधी, हाईकोर्ट के फैसले पर जताई आपत्ति

हरिभूमि न्यूज, धारूहेड़ा/रेवाड़ी
मतगणना के बाद दिसंबर 2020 में धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन बनने वाले कंवर सिंह के साथ जुड़े विवाद खत्म होते नहीं दिख रहे हैं। कंवर सिंह के सर्टिफिकेट को सही मानते हुए हाईकोर्ट ने 15 मार्च को दिए प्रदेश निर्वाचन आयोग के कंवर के चुनाव को रद्द करने के आदेश को रद्द कर दिया था। 12 सितंबर को होने वाले उपचुनाव से 24 घंटे पहले हाईकोर्ट का आदेश आते ही प्रदेश निर्वाचन आयोग ने 12 सितंबर को होने वाले धारूहेड़ा नपा उपचुनाव को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट का फैसला आते ही उपचुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवार (कंवर सिंह के बेटे जितेंद्र को छोड़) रविवार को न केवल एक मंच पर आ गए, बल्कि दूसरे पक्ष को सुने बिना दिए गए हाईकोर्ट के फैसलों को चुनौती देने की भी हुंकार भरी।
जिसमें कंवर सिंह की शपथ पर रोक लगाने की मांग की गई है तथा मांग नहीं मानने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दी गई है। ऐसे में अब देखना होगा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद कंवर सिंह के सिर पर ताज सज पाता है तथा विरोधियों के सक्रियता को देखते हुए हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करते हुए वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपनाते हैं, ताकि इस विवाद में दोबारा पहले वाली स्थिति का सामना करने से बचा जा सके। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद कंवर सिंह के सिर धारूहेड़ा नपा का ताज सजने की उम्मीदें एक बार फिर धूंधली पड़ने लगी है। विरोध पक्ष अपने इन प्रयासों में कितना सफल हो पाता है। यह तो हाईकोर्ट का फाइलन निर्णय आने के बाद ही पत्ता चलेगा।
12 को चुनाव और 10 को फैसला
प्रदेश निर्वाचन आयोग ने अगस्त माह में धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन उपचुनाव करवाने की अधिसूचना जारी की थी। जिसमें 12 सितंबर का दिन मतदान व मतगणना के लिए निर्धारित किया गया था। रविवार को होने वाले मतदान के लिए उपचुनाव का चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले ही शुक्रवार को हाईकोर्ट ने कंवर सिंह के सर्टिफिकेट को सही माना तथा 15 मार्च को दिए गए प्रदेश निर्वाचन आयोग के फैसलें को रद्द कर दिया। निर्वाचन आयोग ने संदीप बोहरा की शिकायत पर सर्टिफिकेट मामले की जांच के लिए कोसली एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। जिन्होंने 12 मार्च शुक्रवार को निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट सौंप कंवर सिंह के सर्टिफिकेट को अवैध माना था। जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने 15 मार्च सोमवार को कंवर सिंह के चुनाव को रद् करने की अधिसूचना जारी कर दी थी।
अदालत ने दूसरा पक्ष सुने बिना दिया फैसला
नपा चेयरमैन उपचुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने रविवार को बैठक कर मतदान से 24 घंटे आए हाईकोर्ट के फैसलें को चुनौती देने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना अपना फैसला दिया है। उन्होंने कहा कि मतदान से एक दिन पहले चुनाव रद्द करना जनता के साथ अन्याय है तथा इसके खिलाफ अंतिम चौखट तक न्याय की लड़ाई लड़ी जाएगी। कंवर सिंह के खिलाफ फर्जी सर्टिफिकेट की शिकायत करने वाले संदीप बोहरा ने कहा कि चुनाव के बाद चुनाव को रद्द करने तथा अब मतदान से एक दिन पहले चुनाव रद्द करने का फैसला सिस्टम के हैं। जिसका दंड जनता को भुगतना पड़ रहा है। आखिरकार इस पूरे प्रकरण में जनता का क्या दोष रहा है। अयोग्य घोषित होने के बाद जनता के बीच धारूहेड़ा के हित के लिए कोर्ट नहीं जाने का दावा करने वाले व्यक्ति चुपके से कोर्ट जाकर जनता की आंखों में धूल झोंक सकते हैं, तो फिर चेयरमैन की कुर्सी पर बैठने के बाद क्या-क्या कर सकते हैं। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
ऐसे समझेंं कब क्या हुआ
धारूहेड़ा नपा के दिसंबर 2020 में हुए चुनाव से अब तक कब क्या हुआ उसे ऐसे समझे
मतदान : 27 दिसंबर 2020
मतगणना : 30 दिसंबर 2020 : कंवर सिंह चेयरमैन चुने गए।
विवाद : 31 दिसंबर 2020 : संदीप बोहरा ने फर्जी सर्टिफिकेट के आरोप लगाए
रिपोर्ट सौंपी : 12 मार्च 2021 : कोसली एसडीएम ने निर्वाचन आयोग को
चुनाव रद्द : 15 मार्च 2020 प्रदेश निर्वाचन आयोग ने लिया फैसला
उपचुनाव के लिए नामांकर : 27 अगस्त से दो सितंबर व मतदान 12 सितंबर
हाईकोर्ट का फैसला 10 सितंबर : निर्वाचन आयोग का फैसला रद्द, कंवर सिंह के सर्टिफिकेट को माना सही।
विरोधी एकजुट : 12 सिंतबर 2021
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