धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन उपचुनाव : राव की चाल पर रहेगी सभी की निगाह, संगठन के साथ होगी कदमताल या अलग राह पकड़ेंगे

मोहन भारद्वाज, रेवाड़ी
पार्टी में रहते हुए राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh) ने हमेशा अपनी अलग राजनीति की है। संगठन को दरकिनारे कर अपने समर्थकों को मौका देने में कभी भी संकोच नहीं दिखाया। 2019 में विधानसभा चुनाव में बादशाहपुर से कद्दावर नेता एवं तत्कालीन मंत्री राव नरबीर सिंह व रेवाड़ी से पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास का सक्रिय राजनीति से पत्ता साफ करने के बाद संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं के चेहरों पर अरविंद यादव की हरको बैंक चेयरमैन पद पर हुई नियुक्त से कम हुई मायूसी का कार्यकर्ता अभी ठीक से जश्न भी नहीं मना पाए थे कि स्थानीय निकाय चुनाव में राव ने संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को फिर से बड़ा झटका दे दिया।
चेयरमैन की दौड़ में शामिल दिग्गजों को पछाड़ पूनम यादव का चेहरा आगे कर दिया। विधानसभा चुनाव में मिली हार से सबक लेकर पार्टी ने सभी अंसतुष्ठों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपकर पूनम का साथ देने के लिए विवश कर दिया। इसके बाद संगठन के विरोध को दरकिनारे कर डिप्टी चेयरमैन चुनाव में अपने समर्थक श्याम चुघ की ताजपोशी करने में सफल रहे। विधानसभा चुनाव में बनी अपनी बादशाहत को रेवाड़ी नप के बाद धारूहेड़ा नपा उपप्रधान चुनाव में भी बरकरार रखा तथा एक बार फिर विरोधियों को गच्चा देकर अपने समर्थक अजय उर्फ सत्यनारायण जांगड़ा को डिप्टी बनाने में सफल रहे।
ऐसे में 12 सितंबर को होने वाले धारूहेड़ा नपा चेयरमैन उपचुनाव में एक बार फिर सभी की निगाह राव इंद्रजीत सिंह पर होगी। जिसमें उम्मीदवार के चयन से तय होगा कि राव संगठन के साथ कदमताल करते हैं या एक बार फिर अपनी पंसद के चेहरे को चुनाव मैदान में उतारकर अहीरवाल में भाजपा को अपनी अहमियत का आइना दिखाते हैं। राव समर्थकों ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की यात्रा शुरू होने से पहले सार्वजनिक तौर राव इंद्रजीत सिंह को संगठन से बड़ा बताकर पार्टी को आंखें दिखाने के बाद रात को रामपुरा हाउस में डिनर देकर डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया। इसका राव इंद्रजीत सिंह व उसनके समर्थकों पर कितना प्रभाव पड़ता है। इसकी झलक धारूहेड़ा नपा चेयरमैन चुनाव में उम्मीदवार के चयन में देखने को मिल सकती है, परंतु वास्तिविक तस्वीर देखने के लिए 23 सितंबर शहीदी दिवस तक इंतजार करना पड़ सकता है।
अब भूपेंद्र से उम्मीद
2014 से सत्ता में होते हुए राव इंद्रजीत सिंह की राजनीतिक विरासत की चकाचौंध के चक्रव्यूह में फंसे संगठन के पुराने कार्यकर्ताओं को अब सक्रिय राजनीति में भूपेंद्र यादव की एंट्री से अहीरवाल के भाजपा कार्यकर्ताओं की उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी हैं। हालांकि यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि भूपेंद्र यादव व पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर कितनी खरी उतर पाएगी।
पुरानों के साथ नए चेहरे भी आजमा सकते हैं भाग्य
चुनाव जीतने के बाद बिना शपथ लिए चेयरमैन पद गंवाने वाले कंवर सिंह सहित अधिकतर पुराने चेहरों एक बार फिर चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमाने की तैयारी हैं। कंवर सिंह का बेटा पप्पी को जहां पिता के साथ हुए खेल की सहानुभूति मिलने की उम्मीद होगी, तो राव मान सिंह गठबंधन में जजपा का टिकट हालिस करने की फिराक में रहेंगे। राव इंद्रजीत सिंह के समर्थन से संदीप बोहरा को भाजपा से उम्मीद होगी तो राव शिवरत्न को भी पार्टी के प्रति वफादार रहे अपने पिता राव शिवरत्न छवि से भाजपा से टिकट की उम्मीद रहेगी। हालांकि दिसंबर 2020 में संदीप बोहरा व राव शिवरत्न ने गंठबंधन उम्मीदवार राव मान सिंह के खिलाफ चुनाव में ताल ठोकी थी। मतगणना के बाद कंवर सिंह से 632 वोटों से पिछड़कर संदीप बोहरा दूसरे स्थान पर रहे थे।
यह रहेगा चुनावी शैड्यूल
नामांकन : 27 अगस्त से 2 सितंबर
छंटनी : 3 सितंबर
नाम वापसी : 4 सितंबर
चुनाव चिन्ह आवंटन : 4 सितंबर
मतदान : 12 सितंबर (सुबह 8 से शाम साढ़े चार बजे तक)
परिणाम : 12 सितंबर (मतदान संपन्न होने के बाद)
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS