बरोदा उपचुनाव पर बोले Dipendra Hooda , लोगों की जान जोखिम में डाल कुर्सी बचाने में जुटी भाजपा सरकार

बरोदा उपचुनाव पर बोले Dipendra Hooda , लोगों की जान जोखिम में डाल कुर्सी बचाने में जुटी भाजपा सरकार
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राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Dipendra Hooda) ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए पूछा कि किस बात का जश्न भाजपा सरकार मना रही है।

चंडीगढ़ः राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Dipendra Singh Hooda) ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार आज जनता की जान बचाने की बजाए, अपनी कुर्सी बचाने में लगी है। दीपेंद्र ने सवाल उठाया कि महामारी के दौर में जनता को राम भरोसे छोड़कर आख़िर बीजेपी प्रदेशभर में राजनीतिक रैलियां कर किस बात का जश्न मना रही है?

दीपेंद्र हुड्डा ने पूछा कि क्या कोरोना से लड़ाई ख़त्म हो चुकी है? या कोरोना के मामलों में तेज़ी आने का जश्न मनाया जा रहा है? या कोरोना काल में लोगों की जानें और नौकरियां जाने का जश्न मनाया जा रहा है? या प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ बेरोज़गारी का जश्न मनाया जा रहा है? या पूरे देश में सीएम खट्टर के सबसे कम लोकप्रिय मुख्यमंत्री बनने की ख़ुशी मनाई जा रही है?

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने तथ्यों और आंकड़ों के साथ बीजेपी सरकार की विफलताएं उजागर की। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कोरोना के मामले सबसे तेज़ गति से बढ़ रहे हैं। सिर्फ 8 दिन में केस डबल हो रहे हैं। लेकिन प्रदेश सरकार इसकी चिंता किए बिना राजनीतिक प्रचार में जुटी है। बीजेपी को लोगों के स्वास्थ्य और जान से ज़्यादा बरोदा उपचुनाव की चिंता है। इसलिए उसके सांसद और मंत्री कभी बरोदा तो कभी गोहाना में राजनीतिक सभाएं कर रहे हैं। जबकि MHA की गाइडलाइंस में साफ लिखा गया है कि अभी भीड़ जुटाने वाले सभी सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों पर पाबंदी है।

दीपेंद्र ने सवाल उठाया कि सरकार को अचानक बरोदा की याद कैसे आ गई? 6 साल में कोई मंत्री या मुख्यमंत्री बरोदा क्यों नहीं आए? क्या बरोदा पहले हरियाणा का हिस्सा नहीं था? इस सरकार को ना बरोदा की चिंता पहले थी और ना आज है। क्योंकि आज भी महज़ राजनीति चमकाने के लिए लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसे बरोदा की जनता बख़ूबी समझ रही है।

सांसद दीपेंद्र ने चेतावनी दी कि बरोदा की जनता बीजेपी को उपचुनाव में मुंह तोड़ जवाब देगी। उन्होंने दावा किया कि इस उपचुनाव से इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। बरोदा ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता मानती है कि इस सरकार की विफलताओं की फेहरिस्ट इसकी सफलताओं से कहीं ज्यादा बड़ी है। उसको गिनवाने के लिए जन आंदोलन किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में बेरोज़ागारी दर 43 प्रतिशत तक का आंकड़ा छू चुकी है। CMIE ने अप्रैल के जो आंकड़े जारी किए उसने उसके मुताबिक हरियाणा में रोज़गार चाहने वाला लगभग हर दूसरा आदमी बेरोज़गार है। आज भी प्रदेश में 35.7 बेरोज़गारी की दर है। बड़े राज्यों में बिहार के बाद ये सबसे ज्यादा दर है। देश की औसत से हरियाणा में दोगुनी बेरोज़गारी है। ऐसा नहीं है कि ये आंकड़े सिर्फ कोरोना काल में ही बढ़े हैं। कोरोना से पहले भी हरियाणा में 28 प्रतिशत बेरोज़गारी दर थी। हुड्डा सरकार में ये दर महज़ 2.8 प्रतिशत होती थी। बावजूद इसके प्रदेश सरकार नई नौकरियां देने की बजाए, युवाओं को बेरोज़गार करने पर तुली है। रोज़ अलग-अलग महकमों से कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है।

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