आपदा काल : 13 तरह की टेस्टिंग के रेट तय, ज्यादा रुपये लिए तो कार्रवाई तय

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
प्राइवेट लैब और अस्पताल अब टेस्ट करने के मनमाने रेट नहीं वसूल सकेंगे। प्रशासन ने 13 तरह की टेस्टिंग के रेट तय कर दिए हैं। कोविड के लिए होने वाले इन टेस्ट के रुपये अब नई रेट लिस्ट के हिसाब से ही लिए जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण आरटी पीसीआर टेस्ट प्राइवेट लैब में सिर्फ 500 रुपये में करना होगा। जबकि इसके लिए अस्पताल 1200 रुपये वसूल रहे थे। इस टेस्ट के लिए अगर घर आकर सैंपल लिया जाता है तो सिर्फ 700 रुपये ले सकेंगे, पहले घर आने के लिए 1500 से 1800 रुपये ले लिए जाते थे। वहीं रैपिड एंटीजन टेस्ट का रेट भी 500 रुपये निर्धारित किया गया है। प्लेन चेस्ट सिटी 4 हजार और एचआर सीटी चेस्ट के 5000 रुपये तय किए गए हैं। डीसी मनोज कुमार ने आदेश जारी कर दिए हैं और किसी भी प्राइवेट लैब ने निर्धारित रेट से ज्यादा वसूले तो कार्रवाई तय है। प्रशासन सभी लैब पर नजरें रखेगा।
नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज (एनएबीएल) और नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त लैब और अस्पतालों के रेट नॉन एनएबीएल व नॉन एनएबीएच लैब और अस्पतालों से अलग हैं। उदाहरण के लिए आपको लीवर फंक्शनिंग टेस्ट (एलएफटी) और किडनी फंक्शनिंग टेस्ट (केएफटी) करवाना है तो एनएबीएल/एनएबीएच से मान्यता प्राप्त लैब में 1450 रुपये देने होंगे, जबकि नॉन एनएबीएल-एनएबीएच लैब में यह टेस्ट 700 रुपये में हो जाएगा।
दोनों लैब में करवा सकते टेस्ट
एनएबीएल-एनएबीएच लैब और अस्पमाल व नॉन एनएबीएल-एनएबीएच में सिर्फ मान्यता का अंतर है। एनएबीएल-एनएबीएच मान्यता मानक पूरा करने और फंक्शनिंग को देखते हुए दी जाती है। नॉन एनएबीएल-एनएबीएच में भी सभी मानक और फंक्शनिंग पूरे होते हैं, लेकिन इनके पास सिर्फ मान्यता नहीं होती। मान्यता मिलने पर लैब की सिर्फ वेटेज बढ़ जाती है। इसलिए असमंजस की स्थिति न रखें और दोनों तरह की लैब में टेस्ट करवा सकते हैं।
सीबी नेट टेस्टिंग उपलब्ध नहीं
आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए जिले में सीबी नेट टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है। टरूनेट टेस्टिंग का रेट 1250 रुपये निर्धारित किया गया है व नॉन एनएबीएल/एनएबीएच लैब के रेट उपलब्ध नहीं हैं।
मनमाना वसूलने की शिकायतें मिली थीं : डीसी
प्रशासन के संज्ञान में आया था कि निजी अस्पताल में प्रयोगशालाएं मरीजों से कॉपी टेस्टिंग के अत्याधिक पैसा वसूल कर रहे हैं। इसके चलते महामारी के संकट के दौरान नागरिकों पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ रहा है जोकि चिंता का विषय है। इसलिए रेट निर्धारित करना आवश्यक हो गया था।- कैप्टन मनोज कुमार, जिला उपायुक्त, रोहतक।
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