बुढ़ापा पेंशन : ऑटो मोड सिस्टम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनाने में जिला महेंद्रगढ़ पहले स्थान पर

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अब वृद्धावस्था सम्मान पेंशन ऑटो मोड में बनने लगी है। अब किसी भी बुजुर्ग को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है। जुलाई तक जिले महेंद्रगढ़ में 430 बुजुर्गों की पेंशन ऑटो मोड सिस्टम के माध्यम से बन चुकी है। अब वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए लोगों को विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि विभाग लोगों को उनके घर द्वार पर जाकर सम्मान भत्ता के कागजात पूरे करवाएगा। ऑटो मोड सिस्टम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनाने में जिला महेंद्रगढ़ प्रदेश में पहले स्थान पर है।
प्रदेश सरकार ने ई गवर्नेंस का रास्ता अपनाते हुए परिवार पहचान पत्र के माध्यम से सेवाएं देने की बेहतर पहल की है। राज्य के सभी परिवारों की आय व आयु वेरिफिकेशन करने के बाद सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बिना आवेदन शुरू करने की शुरुआत कर दी है। जिले महेंद्रगढ़ में 430 बुजुर्गों को भत्ता इसी सिस्टम के माध्यम से बन चुकी है। आगे भी यही प्रक्रिया जारी रहेगी।
कर्मचारी घर जाकर करवाएंगे कागजात पूरे
इस संबंध में जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के तहत जिनकी उम्र 60 साल हो गई है और जिनकी पति पत्नी की सालाना इनकम दो लाख रुपये से कम हैं, उनका डेटा क्रीड की तरफ से ऑटोमेटिक तरीके से सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट को भेज दिया जाएगा। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ऑटो मोड सिस्टम वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनाने में जिला पूरे राज्य में पहले स्थान पर है। उन्होंने बताया कि अप्रैल में 282, मई में 317, जून में 165 नागरिकों की सूची क्रीड के माध्यम से विभाग को मिली है। परिवार पहचान पत्र में जैसे ही बुजुर्ग की उम्र 60 वर्ष होती हैं, उसी समय विभाग को क्रीड की ओर से सूची मिल जाती है। इसके बाद विभाग संबंधित लाभार्थी के पास जाकर उसकी सहमति लेता हैं, अगर वह सहमति देता है तो उसके बाद पेंशन शुरू कर दी जाती है।उन्होंने बताया कि इस दौरान इनमें से 51 लोगों की पेंशन पहले ही बन चुकी थी। वहीं 17 लोग घर पर नहीं मिले। अब दोबारा से इन नागरिकों के घर जाकर कर्मचारी कागजात पूरे करवाएंगे तथा इनकी सहमति लेंगे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए किसी भी कार्यालय में चक्कर ना लगाएं। इस सम्मान भत्ता के पात्र होते ही विभाग के कर्मचारी खुद उनके घर जाएंगे।
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