दिवाली: जहरीली हवा का साजो-सामान तैयार, प्रशासन की नाक नीचे प्रदूषण का कारोबार

दिवाली: जहरीली हवा का साजो-सामान तैयार, प्रशासन की नाक नीचे प्रदूषण का कारोबार
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पटाखे पर रोक को लेकर हर साल प्रशासन के दावे हवा-हवाई होते हैं। दीपावली के बाद हवा कितनी खतरनाक स्थिति में पहुंचा दी जाती है, इसके आंकड़ों पर आप भी नजर दौड़ाएं।

अमरजीत एस गिल :रोहतक

रविवार 16 अक्टूबर 2022 की शाम को ठीक पांच बजे रोहतक की आबोहवा में पीएम 2.5 की मात्रा 94 है। इससे पहले बीते शनिवार को एक्यूआई 113 दर्ज किया गया था। आगामी 24 अक्टूबर सोमवार को दीपावली है। इससे पहले 23 को छोटी दीवाली। इन दो दिनों में शहर के आबोहवा के खराब होने की प्रबल आशंका है। कारण कि प्रशासन की मनाही के बावजूद लोग जहरीले पटाखे फोड़ने से बाज नहीं आते हैं। इसके चलते शहर की आबोहवा इतनी दूषित हो जाती है कि कई दिनों तक इसका निगेटिव असर रहता है। लोगों को जहरीली हवा में सांस लेने पड़ते हैं।

द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण के चलते हर साल विश्व में 90 लाख लोगों की जान जाती है, इनमें सबसे अधिक भारत व चीन में मौतें होती हैं। भारत में हर साल 24 लाख व चीन में 22 लाख लोगों की मौत प्रदूषण के चलते होती है। इसलिए प्रशासन हर साल त्योहार से पहले जहरीले पटाखों पर प्रतिबंध लगाता है, इनकी बिक्री पर रोक लगाता है, लोगों को इसके खतरे के बारे में जागरूक करता है, लोग ऐसा ना करें, इसके लिए तैयारियां करता है, इसके बावजूद लोग जहरीले पटाखे जलाने से नहीं मानते हैं, प्रशासनिक आदेश की हवा निकाल देते हैं। वर्ष 2021 में 4 नवंबर को दिवाली थी। इससे पहले तीन नवंबर को छोटी दीपावली पर हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 255 थी, जो बड़ी दिवाली की रात ग्यारह बजे तक बढ़कर 373 हो गई थी। छोटी और बड़ी दिवाली पर लोगों ने जो घातक पटाखे फोड़े उनकी वजह से एक्यूआई के स्तर 24 घंटे में 118 अंक बढ़ गया था।

पटाखे पर रोक को लेकर हर साल प्रशासन के दावे हवा-हवाई होते हैं। दीपावली के बाद हवा कितनी खतरनाक स्थिति में पहुंचा दी जाती है, इसके आंकड़ों पर आप भी नजर दौड़ाएं। मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंट, फोरेस्ट एवं क्लाइमेट चेंज संचालित एप समीर पर जारी सरकारी डेटा दिवाली पर प्रदूषण स्तर को बताता है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंट, फोरेस्ट एवं क्लाइमेट चेंज द्वारा कन्टीन्यूअस एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन (सीएएक्यूएमएस) स्थापित किया है। यहां से चौबीसों घंटे शहर का एक्यूआई अधिकारिक रूप से अपडेट होता रहता है।

विश्वविद्यालय स्थित सीएएक्यूएम स्टेशन ने अब करीब डेढ़ महीने बाद दोबारा से डाटा जारी करना शुरू कर दिया है। देश-दुनिया को अधिकारिक रूप से यह मालूम होने लगा है कि राेहतक की आबोहवा कैसी है। इसके बंद होने पर निजी एजेंसियों से ही लोगों को यह जानकारी मिल पा रही थी। शहर के प्रदूषण का डाटा निरंतर एकत्रित करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ इंवायरमेंट, फोरेस्ट एंड क्लाइमेंट चेंज द्वारा वर्ष 2010 में यह स्टेशन स्थापित किया था।

एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को 0-50 के बीच बेहतर, 51-100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच सामान्य, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है। वहीं, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 और पीएम 2.5 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

श्वसन तंत्र पर बुरा असर : डा. ध्रुव

पीजीआईएमएस के पल्मोनरी विभागाध्यक्ष डॉ. ध्रुव चौधरी के मुताबिक बढ़ता हुआ प्रदूषण फेफड़ों को कमजोर कर रहा है। फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के लगातार बढ़ने की वजह डॉ. चौधरी प्रदूषण को ही मानते हैं। प्रदूषित हवा के कारण श्वसन तंत्र पर असर प्रतिकूल असर पड़ता है। ज्यादा वायु प्रदूषण वाले क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होकर टीबी का रूप धारण कर लेती है।

जहरीले पटाखे बेचने एवं चलाने पर पूरी तरह से रोक है। सभी एसएचओ और चौकी प्रभारियों को सख्त आदेश जारी किए गए हैं कि वह पटाखों पर रोक लगाएं। पुलिस ने कई जगह पटाखों के साथ लोगों को गिरफ्तार किया है। -उदय सिंह मीना, एसपी रोहतक

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