खतरनाक : कोविड वार्ड में कार्य करने वाले चिकित्सक व स्टॉफ ड्यूटी समाप्त कर जा रहे घर

कुलदीप शर्मा.भिवानी
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर इस बार पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक है। कोरोना मरीजों के परिवार वालों के चेहरों पर मरीजों को ठीक कर स्माइल लाने वाले चिकित्सकों व स्टॉफ सदस्यों के परिवार वालों के माथे पर चिंता की लकीरे हैं।
परिवार वालों को एक तरफ जहां उनके कोरोना संक्रमित होने का डर है तो वहीं दूसरी तरफ कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वालों स्टॉफ सदस्यों तथा चिकित्सकों को परिवार वालों की चिंता है। कोविड वार्ड में ड्यूटी करने के बाद जब स्टॉफ सदस्य वापस घर जाते हैं तो उनके छोटे छोटे बच्चें उनके पास आकर उनके साथ खेलने की जिद करते हैं तथा उन्हें तो इस बात का पता है कि कोरोना संक्रमण का खतरा कितना है लेकिन बच्चों को यह बात नहीं समझाई जा सकती। पिछले साल जब कोरोना संक्रमण फैला था तो सरकार की तरफ तो चिकित्सकों तथा स्टॉफ सदस्यों को अलग अलग स्थान पर रहने व खाने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी तथा ड्यूटी करने के बाद भी 14 दिन तक वो परिवार वालों से दूर इसलिए रहे थे ताकि परिवार के लोग सुरक्षित रहे सके लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है।
कोविड पॉजिटिव आ रहे चिकित्सक तथा स्टॉफ सदस्य
कोविड वार्ड में तथा सैंपल जहां पर लिए जा रहे हैं वहां पर अभी तक चिकित्सक तथा स्टॉफ सदस्य पॉजिटिव आ चुके हैं। चिकित्सकों तथा स्टॉफ सदस्य पॉजिटिव आने के बाद उन्हें कहीं न कहीं इस बात भी डर बना हुआ था कि कहीं उनके परिवार के सदस्य भी कोरोना की चपेट में न आ जाए । सूत्रों की माने तो चिकित्सक तथा स्टॉफ सदस्य इस बारे में बात भी कर चुके हैं लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं जा रहा है। सरकार एक तरफ जहां लोगों को बचाने के लिए चिकित्सकों को कोरोना योद्धा का दर्जा दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें चिकित्सकों तथा उनके परिवार के लोगों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए ताकि चिकित्सक बिना किसी मानसिक परेशानी के अपना कार्य कर सके।
पिछले साल भी बड़ी मुश्किल से लागू हुआ था नियम
पिछले साल सरकार की तरफ से पत्र जारी किया गया था कि जो चिकित्सक तथा स्टॉफ सदस्य कोविड वार्ड में तथा सैंपल लेने वाले रूम में कार्य कर रहे हैं उन्हें ड्यूटी तक तथा ड्यूटी के बाद भी खुद को परिवार से अलग क्वारंटाइन रखना होगा। यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि परिवार के अन्य सदस्य कोरोना संक्रमण से बच सके। इस बार कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है तथा सीधे आक्सीजन लेवल को कम कर रहा है। चिकित्सकों के परिवार में छोटे बच्चों के साथ साथ बुजुर्ग माता पिता भी रहते हैं तथा चिकित्सकों को कही न कही उनकी भी चिंता रहती है।
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