उपलब्धि : PGIMS Rohtak के चिकित्सकों ने मरीज को मौत के मुंह से बाहर निकाला, जानें कैसे...

उपलब्धि : PGIMS Rohtak के चिकित्सकों ने मरीज को मौत के मुंह से बाहर निकाला, जानें कैसे...
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डॉ. पवन ने अपने साथी चिकित्सकों डॉ. अमन, टैक्निशियन अशोक, सुमन, सुनील व भावना के साथ मिलकर करीब 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद छोटे ब्रोंकोस्कोप से सांस की नली में फंसी हुई सुईं को निकाला जिससे मरीज को छोडा सा रक्त स्त्राव तो हुआ लेकिन मरीज की जान बच गई और उसे बड़ा आपरेशन भी नहीं करवाना पड़ा।

पीजीआईएमएस रोहतक (PGIMS Rohtak) के चिकित्सकों ने एक बार फिर से दिखा दिया कि क्यों यहां पूरे प्रदेश ही नहीं आसपास के प्रदेशों व दिल्ली के लोग भी यहां इलाज करवाने आते हैं। पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन ने एक मरीज का करीब 4 घंटे जटिल प्रकिया से ना केवल बड़ा आपरेशन होने से बचाया अपितु उसे मौत के मुंह से निकाल उसे नया जीवन दान दिया है।

पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन ने बताया कि रोहतक के बडे बाजार का रहने वाला करीब 55 वर्षीय युवक किसी प्राइवेट अस्पताल में अपने दांत का इलाज करवा रहा था, जहां पर जांच के दौरान उसके मुंह के अंदर 2 इंच की एक नीडल चली गई। जब उसे पीजीआईएमएस के आपातकाल में लाया गया तो वहां चिकित्सकों ने उसका सीटी स्कैन करवाया तो पता चला कि पीन उसके फेफडे में सांस की नली में गई हुई है। जिसके बाद चिकित्सकों ने उसे आगामी इलाज के लिए पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसन विभाग में भेज दिया। डॉ. पवन ने बताया कि आज जब मरीज की सांस की नली से पिन निकालने का प्रयास किया गया तो देखा कि पिन कहीं भी नजर नहीं आ रही तो मरीज का एक्सरे करवाया गया, जहां पर पिन नहीं नजर आई तो फिर से सीटी स्कैन करवाकर देखा गया कि पिन कहां गई। दूसरे सीटी स्कैन से पता चला कि पिन बांए फेफडे में बिल्कुल अंदर सांस की नली में धंसी हुई है जोकि लोवर लोब के चौथे हिस्से में है।

अब चिकित्सकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई कि बड़ा ब्रोकोंस्कोप वहां तक पहुंच नहीं पा रहा था और छोटे ब्रोकोंस्कोप से सुंई बार बार निकल रही थी, जिसके चलते मरीज को काफी बड़ा आपरेशन करवाना पड़ता और मरीज की सांस नली में सुंई होने के चलते उसको जान का खतरा था। ऐसे में डॉ. पवन ने अपने साथी चिकित्सकों डॉ. अमन, टैक्निशियन अशोक, सुमन, सुनील व भावना के साथ मिलकर करीब 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद छोटे ब्रोंकोस्कोप से सांस की नली में फंसी हुई सुईं को निकाला जिससे मरीज को छोडा सा रक्त स्त्राव तो हुआ लेकिन मरीज की जान बच गई और उसे बड़ा आपरेशन भी नहीं करवाना पड़ा। उन्होंने बताया कि मरीज अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है और उसको घर भेज दिया गया है। वहीं मरीज व उसके परिजनों ने पीजीआईएमएस के चिकित्सकों का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त किया।

इस उपलब्धि पर कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना, कुलसचिव डॉ. एच.के.अग्रवाल, निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मिततल व विभागाध्यक्ष डॉ. ध्रुव चौधरी ने डॉ. पवन की टीम को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने यह जटिल कार्य करके संस्थान का नाम पूरे प्रदेश में रोशन किया है।

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