बढ़ सकती हैं सरकार की मुश्किलें : कोरोना की रफ्तार के बीच डाॅक्टरों ने दी हड़ताल पर जाने की चेतावनी

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
एक ओर जहां कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों ने जहां आला-अफसरों और सरकार की चिंता बढ़ा दी है। वहीं दूसरी ओर अब डॉक्टरों की एसोसिएशन पदाधिकारियों ने उनकी सुनवाई नहीं होने की सूरत में 11 जनवरी को सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद करने की धमकी दी है। खास बात यह है कि एसोसिएशन की ओर से कईं बार डाक्टर प्रतिनिधि प्रदेश के गृह एवं सेहत मंत्री और आला अफसरों से मिल चुके हैं। इनका आरोप है कि लगातार आश्वासन दिए जाने के अलावा कोई ठोस समाधान नहीं निकाला जा रहा है।
डाक्टरों का तर्क है कि उनकी इन मांगों को पूरा करने में राज्य सरकार के खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। डाक्टर प्रतिनिधियों का कहना है कि स्पेशल काडर बनाने के साथ-साथ हम पीजी नीति को लेकर बदलाव की मांग कर रहे हैं। इसके लिए पीजी नीति में संशोधन लेकर आना है। लेकिन बार बार आग्रह के बाद भी सुनवाई नहीं होने के कारण अब 12 दिसंबर को गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज के साथ बैठक में समझौते को लागू करने के लिए हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) एसोसिएशन आरपार की लड़ाई के मूड में नजर आने लगी है।
एसोसिएशन की ओर से एक सप्ताहभर का अल्टीमेटम दिया देते हुए कहा गया है कि दस जनवरी तक विशेषज्ञ काडर बनाने और पीजी नीति में संशोधन के लिखित आदेश जारी नहीं होने की सूरत में 11 जनवरी को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और पीएचसी केंद्रों में ओपीडी बंद कर दी जाएगी। इतना ही नहीं आने वाले 14 जनवरी से आपातकालीन सेवाएं जैसे पोस्टमार्टम आदि सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर अपनी हड़ताल और अल्टीममेटम की सूचना दी है। 12 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक का हवाला देते हुए कहा है कि डाक्टरों ने 13 दिसंबर को हड़ताल प्रस्तावित कर दी थी। इसके तुरंत बाद अनिल विज ने एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए थे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अफसरों का कहना है कि विशेषज्ञ कैडर बनाने और पीजी नीति में संशोधन को लेकर फाइल अग्रसारित कर दी। लेकिन उसके बाद भी इस बारे में अधिसूचना जारी नहीं की जा रही है।
सरकारी कर्मियों और शिक्षकों ने दिखाई रुचि
डबल वैक्सीन की डोज नहीं लेने वालों को सार्वजनिक स्थानो पर प्रवेश नहीं दिए जाने के आदेश के बाद में अब वैक्सीन लगवाने के लिए भी सरकारी गैर सरकारी कर्मचारी आगे आ रहे हैं। यही कारण है कि अब हरियाणा में एक वैक्सीन लगवाने वालों का आंकड़ा सौ फीसदी के करीब पहुंच गया है। इसके अलावा डबल वैक्सीन लगवाने वाले भी पीछे नहीं हैं। राज्य के शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में शिक्षकों और गैर शिक्षण स्टाफ द्वारा टीका नहीं लगवाने की सूचना मिली थी। लेकिन अब जब स्कूलों में टीकाकरण की मुहिम की शुरुआत होने जा रही है, तो इस तरह के स्टाफ को मौके पर ही वैक्सीन लगाई जाएगी। इस तरह से शिक्षा विभाग और कुछ अन्य विभागों में टीकाकरण का काम शत प्रतिशत हो जाएगा। इस संबंध में प्रदेश मुख्यालय शिक्षा विभाग की ओऱ से स्पेशलकैंप लगाने के साथ साथ टीकाकऱण को लेकर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, सह शिक्षाअधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से गंभीरता के साथ में काम करने को कहा गया है।
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