गेस्ट टीचरों के मानदेय को लेकर संशय, स्कूलों में मिल रहा अलग-अलग मानदेय

गेस्ट टीचरों के मानदेय को लेकर संशय, स्कूलों में मिल रहा अलग-अलग मानदेय
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एक जुलाई 2019 से पांच प्रतिशत मानदेय बढ़ोतरी को लेकर एक पत्र जारी किया था, जिसे कई स्कूलों ने तो उनका पांच प्रतिशत डीए माना जबकि कई स्कूलों ने इसे मानदेय मानकर निकलवाया है। ऐसे में विभिन्न स्कूलों में कार्यरत गेस्ट प्राध्यापकों को एक ही काम का अलग-अलग मानदेय दिया जा रहा है।

तपस्वी शर्मा : झज्जर

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स लंबे समय से मनमानी के शिकार होते रहे हैं। अब नया मामला मानदेय को लेकर है। दरअसल विभाग ने एक जुलाई 2019 से पांच प्रतिशत मानदेय बढ़ोतरी को लेकर एक पत्र जारी किया था, जिसे कई स्कूलों ने तो उनका पांच प्रतिशत डीए माना जबकि कई स्कूलों ने इसे मानदेय मानकर निकलवाया है। ऐसे में विभिन्न स्कूलों में कार्यरत गेस्ट प्राध्यापकों को एक ही काम का अलग-अलग मानदेय दिया जा रहा है। इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी बीपी राणा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। जबकि गेस्ट टीचरज का कहना है कि कई दफा डीईओ को अवगत करवाया जा चुका है।

दरअसल सात अगस्त 2020 को शिक्षा विभाग के एडीशनल चीफ सेक्ट्री की ओर से पत्र क्रमांक नंबर 8/1-2019 सीओ 2के तहत पांच प्रतिशत मानदेय देने का पत्र जारी किया गया था। इससे पहले सरकार ने विधानसभा में गेस्ट को 58 साल की आयु तक नहीं हटाने का बिल पास किया था। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया था कि जो महंगाई भत्ता नियमित कर्मियों को मिलेगा वह गेस्ट को भी देय होगा। उस समय गेस्ट का पीजीटी का मानदेय 36 हजार रुपये मासिक था। जबकि टीजीटी को 30 हजार रुपये व जेबीटी को 26 हजार मिलते थे। बाद में गेस्ट को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया गया। जिससे पीजीटी का मानदेय 37080 रुपये हो गया।

इसी तरह टीजीटी व जेबीटी को भी तीन प्रतिशत भत्ता मिला। उसके बाद सरकार ने नियमित कर्मियों को पांच प्रतिशत भत्ता जुलाई 2019 से दिया। जिसके बाद गेस्ट को मानदेय उसी से हिसाब से मिलने लगा। विभाग ने पांच प्रतिशत मानदेय का जो पत्र जारी किया उसे लेकर कन्फयूजन बना। दरअसल, किसी स्कूल ने उसे मानदेय माना ता किसी ने उसे पांच प्रतिशत महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी। इसी से सारा पेच फंसा हुआ है। कई जिलों के डीईओ ने पत्र जारी करके वहां के स्कूलों को स्थिति स्पष्ट की, मगर झज्जर में यह असमंजस की स्थिति अभी भी बनी हुई है। दरअसल झज्जर के कई स्कूलों में पीजीटी को चालीस हजार आठ सौ से ज्यादा मानदेय मिल रहा है तो कई में 38 हजार 800 मिल रहा है।

इस संंबंध में गेस्ट यूनियन से जुड़े रहे सुनील डागर का कहना है कि सोनीपत के अरुण कुमार द्वारा लगाई गई आरटीआई में सेकेंडरी विभाग के निदेशक ने स्पष्ट कहा है कि यह गेस्ट के मानदेय की बढ़ोतरी है। जो दिनांक 10 जुलाई 2020 को जारी किया गया। इस संंबंध में गेस्ट प्रतिनिधि सुनील डागर ने कहा कि इस बारे में कई जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी पहले ही पत्र निकाल चुके हैं। झज्जर में डीईओ व डीईईओ से मिलकर इस बारे लिखित निवेदन किया है, मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि विभाग ने आरटीआई में भी स्पष्ट जवाब दिया है कि गेस्ट को यह मानदेय में वृृद्धि की गई, लेकिन कई स्कूलों के प्रिंसीपल इस संबंध में पुराने वेतन ही निकाल रहे हैं।

सुनील डागर का कहना है कि झज्जर जिले के ही अनेक स्कूलों में मानदेय जोड़कर भी वेतन दिया जा रहा है जबकि कई स्कूलों में इसे नहीं बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि डीईओ को दो बार लिखित अनुरोध कर चुके हैं, मगर केवल आश्वसान ही मिला है। वहीं एक अन्य गेस्ट नवीन ने बताया कि उन्होंने जनवरी माह में ई-मेल के माध्यम से भी प्राचार्य, बीईओ आदि विभागीय अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है। लेकिन उसका भी अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

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