चालक प्रशिक्षण : 560 ट्रेनिंग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों की हाजिरी लगाने के लिए एक बायोमेट्रिक मशीन, घंटों लाइन में लगे रहते हैं प्रशिक्षणार्थी

चालक प्रशिक्षण : 560 ट्रेनिंग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों की हाजिरी लगाने के लिए एक बायोमेट्रिक मशीन, घंटों लाइन में लगे रहते हैं प्रशिक्षणार्थी
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  • एक शिफ्ट में होते है 140 ट्रेनिंग लेने वाले प्रशिक्षणार्थी, आते जाते दोनों समय लगती है प्रशिक्षणार्थियों की हाजिरी
  • एक घंटे के दौरान 280 प्रशिक्षार्थियों की हाजिरी लगाना ट्रैनिंग स्कूल के कर्मचारियों के लिए होता है मुश्किल

महेश कुमार यादव : महेंद्रगढ़

शहर बस स्टैंड पर चल रहे चालक प्रशिक्षण स्कूल में 560 ट्रेनिंग लेने वाले प्रशिक्षार्थियों की बायोमैट्रिक हाजिरी लगाने के लिए केवल एक मशीन है। एक घंटे के दौरान 280 प्रशिक्षणार्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगाना चालक प्रशिक्षण स्कूल के लिए चुनौती बन रहा है।

स्थानीय बस स्टैंड पर चालक प्रशिक्षण स्कूल में करीब ढ़ाई वर्ष से हैवी लाइसेंस का ट्रेनिंग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगाई जाती है। वर्तमान में दो शिफ्टों में 560 प्रशिक्षणार्थियों को हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग दी जा रहीं है। एक शिफ्ट में 140 प्रशिक्षार्थी होते है। ट्रेनिंग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों की आते तथा जाते समय दोनों बार बायोमेट्रिक हाजिरी लगाती है। एक शिफ्ट खत्म होने के तथा दूसरी शिफ्ट शुरू होने के बीच केवल एक घंटे का समय होता है। 60 मिनट में एक शिफ्ट पूरी होने वाले 140 व दूसरी शिफ्ट शुरू होने के 140 प्रशिक्षाणार्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगाना कर्मचारियों के लिए चुनौती से कम नहीं है। सुबह प्रवेश तथा शाम को जाने के समय मशीन के सामने प्रशिक्षणार्थियों की लंबी लाइनें लगी रहती है।

प्रशिक्षणार्थियों ने बताया कि चालक प्रशिक्षण स्कूल में एक 35 दिन का प्रशिक्षण लेने के बाद हैवी लाइसेंस बनता है, जिसके बल पर युवा बेरोजगार किसी कंपनी, ठेके पर या किसी निजी वाहन से अपनी रोजीरोटी कमा सकता है। इस प्रशिक्षण के लिए शहर के महेंद्रगढ़ के बस स्टैंड पर चालक प्रशिक्षण स्कूल चल रहा है। यहां सर्दियों में एक शिफ्ट में 140 तथा गर्मियों में दो शिफ्टों पर 280 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। यदि किसी कारण से कोई प्रशिक्षणार्थी गैर हाजिर रहता है तो उसे एक दिन का 1750 रुपए का जुर्माना देना पड़ता है। इस स्कूल में 15 चालक प्रशिक्षक है तथा 7 बसें हैं। जिनके माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को बस चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में 1438 वां बैच चल रहा है। जिसमें 540 युवाओं को हैवी लाईसेंस की ट्रेनिंग दी जा रहीं है।

एक अनुपस्थिति के लगते है 1750 रुपये

चालक प्रशिक्षण स्कूल में हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग लेने प्रशिक्षणार्थियों की अब बायोमेट्रिक हाजिरी लगती है। एक अनुपस्थिति होने पर 1750 रुपये का जुर्माना लगता है। एक मशीन होने के कारण आने-जाने के समय इस मशीन के पास काफी लंबी कतार लग जाती है जिससे मशीन में उपस्थिति दर्ज करने के लिए प्रशिक्षार्थियों को काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है। प्रशिक्षण लेने वाले अधिकांश युवा गरीब व मध्यम वर्ग के परिवारों से है जो इतना भारी जुर्माना देने में असमर्थ है।

दोपहर के समय रहती है ज्यादा मारामारी

पहली शिफ्ट सुबह 6 बजे शुरू होती है। जिसमें 140 प्रशिक्षणार्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगती है। एक बजे पहली शिफ्ट समाप्त होती है। पहली शिफ्ट में आने वाले प्रशिक्षाणार्थियों को जाते समय भी हाजिरी लगानी होती है। वहीं दो बजे दूसरी शिफ्ट शुरू होती है। दूसरीं शिफ्ट में ट्रेनिंग लेने वाले प्रशिक्षार्थियों को दो बजे से पहले हाजिरी लगानी होती है। ऐसे में एक से दो बजे के बीच 280 ट्रेनिंग लेने वाले प्रशिक्षाणार्थियों की हाजिरी लगवाना में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही इन प्रशिक्षाणार्थियों को ट्रेनिंग देने वाले चालकों को भी बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होती है।

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