हरियाणा के छात्रों ने बनाया ड्रोन : कहीं भी पहुंचा सकता है एक किलो भार, चालीस हजार रुपये में हुआ तैयार

हरियाणा के छात्रों ने बनाया ड्रोन : कहीं भी पहुंचा सकता है एक किलो भार, चालीस हजार रुपये में हुआ तैयार
X
स ड्रोन के माध्यम से मेडिकल इक्विपमेंट जैसे सेनेटाइजर की बोतल, मास्क और एमरजेंसी दवाइयां इसके अंदर रखकर पहुंचाई जा सकती हैं। यह ड्रोन एक किलोग्राम तक के भार को उठा सकता है और लगभग एक घंटे तक हवा में उड़ सकता है।

हरिभूमि न्यूज. सफीदों ( जींद )

बीटेक एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रहे सफीदों के राहुल सैनी व उसके साथी छात्रों ने मिलकर भार उठाने वाला ड्रोन बनाया है। ड्रोन बनाने की इस प्रोजेक्ट में स्कूल ऑफ एयरोनॉटिक इंजीनियर के विद्यार्थी राहुल सैनी, वरुण वेद, हिमांशु शर्मा, आध्या गुप्ता और गर्व दीक्षित शामिल थे। राहुल सैनी ने बताया कि यह ड्रोन लगभग चालीस हजार रुपये कलागत से बनकर तैयार हुआ है जिसका वहन सभी पांचो छात्रों ने मिलकर किया है।

इस ड्रोन के माध्यम से मेडिकल इक्विपमेंट जैसे सेनेटाइजर की बोतल, मास्क और एमरजेंसी दवाईयां इसके अंदर रखकर पहुंचाई जा सकती हैं। यह ड्रोन एक किलोग्राम तक के भार को उठा सकता है और लगभग एक घंटे तक हवा में उड़ सकता है। राहुल सैनी ने बताया कि इस ड्रोन के लिए सबसे पहले ऑटोकैड, कैटिया व एनसीस के माध्यम से एक सॉफ्टवेयर डिजाइन किया गया। उसके बाद इस ड्रोन के बाहरी डिज़ाइन पर काम किया गया। इस ड्रोन मे चार तरह के प्रोपेलर लगाए गए हैं, जिसमें दो प्रोपेलर आगे की तरफ लगे हैं और दो प्रोपेलर पीछे की तरफ लगे हैं। इसके साथ-साथ इसमें चार ब्रशलेस मोटर लगी है जो प्रोपेलर को घुमाने का काम करती है और उसकी स्पीड को बढ़ाती है।

ड्रोन के अंदर की बॉडी एल्यूमिनियम स्टील रॉड की मदद से बनाई गई है व बाहर का ढांचा कंपोजिट मटेरियल द्वारा तैयार किया गया है। इस ड्रोन को ट्रांसमीटर के द्वारा कंट्रोल किया जाता है जो कि ड्रोन तक सिग्नल पहुंचाता है ताकि ड्रोन उस सिग्नल से किसी निर्धारित दिशा में उड़ सके। साथ ही छात्रों का कहना है कि अगर इस ड्रोन के अंदर थोड़ा सा बदलाव किया जाए तो यह और बेहतर बन सकता है जिसके बाद यह रडार की पकड़ से भी बाहर हो जाएगा इसलिए वे और भी आधुनिक तकनीक के ड्रोन बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि उन्होंने यह कार्य संस्थान के उपदेशक डा. बिपिन कुमार द्विवेदी, सिद्धार्थ सोंध और सुकुमार धनपतराय के मार्गदर्शन में पूरा किया है।

Tags

Next Story