Russia-Ukraine War : रूस-यूक्रेन युद्ध की तपिश में पिघलने लगा मेटल बाजार, स्टील से लोहे तक के दाम बढ़े

हेमंत शर्मा. रेवाड़ी
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध का अब मेटल पर व्यापक असर देखने को मिल रहा है। इसका सबसे अधिक असर स्टील पर हुआ है, जिसके दामों में प्रति किलोग्राम 80 रुपए तक की वृद्धि हो चुकी है। लोहे की कीमतों में उछाल आने से भवन निर्माण सामग्री महंगी हो चुकी है। मेटल के दामों में वृद्धि ने इनसे तैयार होने वाले उत्पाद की कीमतों में भी उछाल ला दिया है। कच्चे माल की आपूर्ति में कमी और किराए में वृद्धि ने मेटल के दामों में भारी वृद्धि करने का काम किया है।
रेवाड़ी शहर में मेटल पर आधारित वस्तुओं का उत्पादन लार्ज स्केल पर होता है। इसकी बड़ी इंडस्ट्रीज तो ज्यादा नहीं हैं, परंतु मध्यम और छोटी इंडस्ट्रीज की संख्या डेढ़ सौ से अधिक है। वाहन निर्माता कंपनियों के लिए स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध कराने वाली फैक्ट्रियों की संख्या काफी अधिक है। युद्ध शुरू होने के बाद कच्चा माल महंगा होना शुरू हो गया है। खासकर शिपिंग चार्ज बढ़ने से कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि हुई है, जो आगे भी जारी रहने की संभावनाएं हैं। कच्चा माल महंगा होने के बाद मेटल से जुड़े सभी छोटे-बड़े उद्योगों से लेकर मार्केट तक पर इसका सीधा असर हो रहा है। मेटल उत्पादों के दाम आसमान की ओर अग्रसर हैं, जिससे इनकी मांग में कमी आने लगी है।
जितेन्द्र आयरन एवं टिंबर मर्चेंट के संचालक धर्मवीर ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में लोहे के भाव में 20 से 25 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ गए हैं। सरिए और गार्डरों की कीमतों में उछाल आ रहा है, जिससे इनकी बिक्री प्रभावित हो रही है। गार्डर 52 रुपए से बढ़कर 76 रुपए प्रति किलोग्राम व सरिए 60 रुपए से 85 रुपए किलोग्राम हो गए। संजू स्टील रेलिंग के संचालक संजू यादव के अनुसार स्टील के दामों में करीब एक वर्ष से उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा था, लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद इसके दाम ज्यादा बढ़े हैं। स्टील निर्माण में काम आने निकल के दाम दो गुणा तक बढ़ने से इसका ज्यादा असर हुआ है।
कृष्ण ग्लास एल्यूमिनियम के मालिक संजय सिंहल ने बताया कि एल्युमिनियम में करीब 50 से 890 रुपए तक की तेजी आई है। यूपीवीसी 650 रुपए फुट से 750 रुपए फुट हो गया है। बर्तन व्यापारी चन्द्र शेखर गौतम ने बताया कि स्टील के भाव में प्रति किलोग्राम 25 प्रतिशत की तेजी आने से आम लोगों पर काफी असर पड़ा है। स्टील बर्तन क्वालिटी के हिसाब से 200 से 300 रुपए किलोग्राम तक के हैं। इससे बर्तनों के दाम बढ़ गए हैं। बढ़ी हुई कीमतों के कारण इनकी बिक्री पर प्रतिकृल असर पड़ रहा है। दुकानदारों को मंदी की मार का सामना करना पड़ रहा है।
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