अस्पताल में बेड कम होने पर लोग घर से लाने लगे चारपाई

अस्पताल में बेड कम होने पर लोग घर से लाने लगे चारपाई
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जींद के नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पर लगातार मरीजाें के उपचार का दबाव बढ़ता जा रहा है। सांस के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और वो उपचार के लिए नागरिक अस्पताल पहुंच रहे हैं। यहां बेड न मिलने पर मरीज तिमारदारों अब अपने घर से ही बेड या गद्दे लाए जा रहे हैं ताकि उनके मरीजों को यहां आराम मिल सके।


हरिभूमि न्यूज. जींद

जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के लिए बेड कम हुए तो अब लोग अपने ही घर से ही बेड लाने लगे हैं। मरीजों को वार्ड में जगह नहीं मिल पा रही है तो वो इमरजेंसी वार्ड के बाहर ही डेरा डाल रहे हैं। पहले दो, फिर तीन और अब छह लोग इमरजेंसी के बाहर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनों की मदद से प्राण वायु ले रहे हैं। अगर नागरिक अस्पताल प्रशासन ने शीघ्र ही बेडों की अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की तो यह संख्या और भी बढ़ सकती है। ऐसे में नागरिक अस्पताल प्रशासन को इस तरफ विशेष ध्यान देना होगा।

इस समय नागरिक अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के लिए 146 बेड हैं और कुल 160 मरीज उपचार के लिए भर्ती हैं। इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड तथा उसके साथ भी कोविड वार्ड बनाया गया है जहां कोविड मरीज उपचाराधीन है। ऐसे में नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पर लगातार मरीजाें के उपचार का दबाव बढ़ता जा रहा है। सांस के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और वो उपचार के लिए नागरिक अस्पताल पहुंच रहे हैं। यहां बेड न मिलने पर मरीज तिमारदारों अब अपने घर से ही बेड या गद्दे लाए जा रहे हैं ताकि उनके मरीजों को यहां आराम मिल सके।

इस समय इमरजेंसी वार्ड के सामने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनों की सहायता से छह मरीज प्राण वायु ले रहे हैं। इनमें से कोई स्ट्रेचर पर, कोई नीचे ही गद्दे पर तो कोई घर से लाई चारपाई पर यहां उपचाराधीन है। कई मरीज तो एक-दूसरे से सट कर अपना उपचार करवा रहे हैं। हेल्थ स्टाफ भी समय-समय पर आकर इन मरीजों की देखभाल कर रहा है। इन मरीजों के तिमारदारों का कहना है कि उनकी कोई ऊंची पहुंच नहीं है जिसके चलते उन्हें अपने दम पर ही यहां व्यवस्था करनी पड़ रही है। उन्हें हर हाल में अपने परिजनों को बचाना है। इसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार हैं।

मरीजों को हर हाल में उपचार उपलब्ध करवाने का प्रयास

नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि गंभीर मरीजों को उपचार उपलब्ध करवाना ही प्रथम लक्ष्य है। जैसे भी जहां भी सुविधा उपलब्ध हो रही है उसी आधार पर मरीजों को उपचार संभव करवाया जा रहा है। प्रयास किया जा रहा है इमरजेंसी के बाहर उपचाराधीन सभी मरीजों को वार्ड में शिफ्ट किया जाए।

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