कल मिला पद्मश्री, आज धरने पर बैठे गूंगा पहलवान, सीएम मनोहर से की यह मांग

इस साल पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे गए खिलाड़ियों में शामिल हरियाणा के पहलवान वीरेंद्र सिंह यादव ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से राज्य में उनके जैसे मूक बधिर पैरा खिलाड़ियों को समान अधिकार देने की मांग की है। हरियाणा के झज्जर जिले के गांव ससरोली में जन्मे वीरेंद्र सिंह बोल और सुन नहीं सकते। बुधवार को उन्होंने टवीटर पर पोस्ट साझा की जिसमें उनकी फोटो है और वह अपने पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार और अन्य अंतरराषट्रीय पदकों के साथ यहां हरियाणा भवन के बाहर फुटपाथ पर बैठे हुए हैं।
वीरेंद्र सिंह ने ट्वीट किया कि माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी, मैं दिल्ली में हरियाणा भवन में आपके निवास के फुटपाथ पर बैठा हूं और मैं यहां से तब तक नहीं हिलूंगा जब तक आप मूक बधिर जैसे पैरा खिलाड़ियों को समान अधिकार नहीं देते। जब केंद्र हमें समान अधिकार देता है तो आप क्यों नहीं? 'केवल मूक बधिर खिलाड़ियों के लिये कोई पैरालंपिक वर्ग नहीं है और मूक बधिर खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय खेल समिति ही उनके लिए टूर्नामेंट आयोजित करती है। 'डेफलंपिक्स' को अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति से मान्यता प्राप्त है लेकिन मूक बधिर खिलाड़ी पैरालंपिक खेलों का हिस्सा नहीं होते।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar जी आपके आवास दिल्ली हरियाणा भवन के फुटपाथ पर बैठा हूँ और यहाँ से जब तक नहीं हटूँगा जब तक आप हम मूक-बधिर खिलाड़ियों को पैरा खिलाड़ियों के समान अधिकार नहीं देंगे, जब केंद्र हमें समान अधिकार देती है तो आप क्यों नहीं? @ANI pic.twitter.com/4cJv9WcyRG
— Virender Singh. (@GoongaPahalwan) November 10, 2021
मंगलवार को मिला था पदम श्री
बता दें कि राष्ट्रपति भवन में समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीरेंद्र सिंह को मंगलवार को यहां पद्मश्री से सम्मानित किया था और इस फोटो को खट्टर ने भी ट्वीट किया और इस पहलवान को बधाई दी जिनकी जिंदगी से प्रेरित होकर 'गूंगा पहलवान' नाम की डाक्यूमेंट्री भी बनायी जा चुकी है। इस पर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह पैरा खिलाड़ियों के लिये भी समान पुरस्कार राशि चाहते हैं और साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस संबंध में बात की है। डेफलंपिक्स में 74 किग्रा वर्ग में तीन स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतने वाले वीरेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी अगर आप मुझे पैरा एथलीट मानते हैं तो आप पैरा एथलीट वाले सारे अधिकार मुझे क्यों नहीं देते। उन्होंने अपने ट्विटर पेज पर लिखा कि पिछले चार वर्षों से मैं दर दर की ठोकर खा रहा हूं। मैं आज भी जूनियर कोच हूं और मुझे कोई नकद पुरस्कार नहीं मिला है। कल मैंने इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी से भी बात की थी, अब फैसला आपके हाथ में है।
मुख्यमंत्री जी आप मुझे पैरा खिलाड़ी मानते है तो पैरा के समान अधिकार क्यों नहीं देते,पिछले चार वर्ष से दर-दर की ठोंकरे खा रहा हूँ मैं आज भी जूनियर कोच हूँ और न ही समान केश अवार्ड दिया गया, कल इस बारे मे मैंने प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी से बात की हैं अब फैसला आपको करना है! https://t.co/DC6UydM7AV
— Virender Singh. (@GoongaPahalwan) November 10, 2021
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS