कोरोना महामारी के संकट में ई-राखी बनी बेहतरीन विकल्प

कोरोना महामारी के संकट में ई-राखी बनी बेहतरीन विकल्प
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कोरोना संक्रमण (Corona Infection) ने त्योहारों के रंग तक फीके कर दिए हैं। रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का पर्व आने वाला है और संक्रमण बढ़़ता ही जा रहा है। ऐसे में विकल्प के तौर पर बहनों का रुझान ई-राखी की ओर हो रहा है।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

बाजार (market) की यही विशेषता है कि वह बहते हुए पानी की तरह अपना रास्ता निकाल लेता है। हालात चाहे कैसे भी हों पर बाजार की गतिविधियां थम नहीं सकती। फर्क सिर्फ इतना है कि विपरीत हालात में बाजार के तौर-तरीके बदल जाते हैं। कोरोना काल में जहां आने-जाने और मिलने-जुलने से परहेज बरता जा रहा है, वहीं कंपनियों ने भी उत्पाद (product) बेचने के लिए इसी हिसाब से बदलाव कर लिए हैं। कोरोना का असर विवाह और तीज-त्यौहारों पर दिखाई दे रहा है। रक्षाबंधन को लेकर भी कंपनियों ने भी इस लिहाज से परिवर्तन कर लिए हैं।

बता दें कि कोरोना संक्रमण ने त्योहारों के रंग तक फीके कर दिए हैं। रक्षाबंधन का पर्व आने वाला है और संक्रमण बढ़़ता ही जा रहा है। परिवहन सेवाओं पर असर से डाक भी एक से दूसरी जगह पर समय से नहीं पहुंच पा रही है। साथ ही राखी से संक्रमण का खतरा सो अलग। ऐसे में विकल्प के तौर पर बहनों का रुझान ई-राखी की ओर हो रहा है। रेल व वायुयान सेवा प्रभावित होने से राखी गंतव्य तक पहुंच पाएंगी या नहीं इससे चिंतित लोग राखी कम पोस्ट कर रहे हैं। युवतियां एवं महिलाएं विकल्प के तौर पर सोशल मीडिया से ई-राखी का विकल्प चुन रही हैं। उनका कहना है कि संक्रमण तो राखी से भी फैल सकता है। ऐसे में ई-राखी सुरक्षित उपाय है। बताया जा रहा है कि देश भर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट कोरोना के कारण ठप पड़ा हुआ है। जिनके पास निजी साधन है तो आना-जाना कर ले रहे, लेकिन दूर-दराज में रहने वालों के लिए कही आना-जाना अभी मुश्किल हो गया है। उसमें भी वर्तमान में जिस हिसाब से देश में कोराना वायरस का सामुदायिक संक्रमण बढ़़ा है। लोगों के आने-जाने में जोखिम भी बढ़ गया है।

राखी भेजने में भी रिस्क

कोमल ने बताया कि उन्हें अपने भाई के पास मुंबई राखी भेजनी है। वहां लॉकडाउन चल रहा है। राखी भेज भी दें, तो पहुंचने में संशय है। विकल्प के तौर पर सोशल प्लेटफॉर्म पर ई-राखी पोस्ट करेंगे। ज्योति व अर्चना भी इस बार लखनऊ में अपने भाई को ई-राखी भेजेंगी। प्रीति मानती हैं कि कोरोना काल में राखी भेजना भी रिस्क है। इसीलिए कानपुर में भाई को राखी भेजने के लिए इंटरनेट के विकल्प को चुना है।

आकर्षक ई-राखी उपलब्ध

ई-कॉमर्स कंपनियां यूं तो पहले भी अपनी साइटों पर राखी बेचती थी, लेकिन इस बार उनका बाजार ज्यादा तेज है। बाजार, ट्रांसपोर्टिंग पर पाबंदियों के वजह से बहने अभी से अपने भाईयों को ई-कॉमर्स कंपनियों की साइट पर उपलब्ध राखियों भेजने में जुट गई है। हालांकि प्रत्यक्ष राखी बंधवाने जितना आनंद शायद इसमें नहीं मिले, किंतु समय की जरूरत ने ऐसी स्थिति में ही संतोष करना सिखा दिया है।

ई-राखी अपेक्षाकृत महंगी

अलग-अलग कंपनियां ऐसी राखी 149 रुपए से लेकर हजारों रुपए तक में भाईयों को पहुंचा रही है। जगह के हिसाब से कंपनियां बुकिंग के बाद डिलीवरी का अलग-अलग टाइम दे रही है। समय से भाईयों तक राखी पहुंच जाए इसके लिए बहने अभी से राखी भेजना शुरू कर दी हैं। हालांकि बहनों को इसके लिए बाजार से ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है।

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