शराब के ठेकों की ई-टेंडरिंग : शराब दुकानों की नीलामी में प्याऊ मनियारी जोन सबसे महंगा, 21.01 करोड़ में हुआ ठेका

शराब के ठेकों की ई-टेंडरिंग :  शराब दुकानों की नीलामी में प्याऊ मनियारी जोन सबसे महंगा, 21.01 करोड़ में हुआ ठेका
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आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस बार जिले में 40 जोन निर्धारित कर रखे है। इनमें से 33 जोन ई टेंडर के जरिए बिक गए। विभाग ने 33 जोन के लिए 235 करोड़ रुपये रिजर्व प्राइस तय कर रखा था। जबकि सभी जोन में बोली बढ़ने की वजह से 289.12 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। प्याऊ मनियारी के बाद सबसे महंगा ठेका दिल्ली बॉर्डर के साथ लगते कुंडली जोन का हुआ।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

आबकारी एवं काराधान विभाग ने शुक्रवार को जिले भर के 40 में से 33 जोन में शराब के ठेकों की ई-टेंडरिंग की। जिले भर के शराब के ठेकों के लिये कुल 289.12 करोड़ रुपये विभाग को राजस्व मिलेगा। सबसे महंगा ठेका जीटी रोड (एनएच-44) के साथ लगता प्याऊ मनियारी जोन का रहा। इस जोन का रिजर्व प्राइस 17.68 करोड़ रुपये निर्धारित किया था। बोली बढ़ने की वजह से यह जोन 21.01 करोड़ रुपये में बिका।

आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस बार जिले में 40 जोन निर्धारित कर रखे है। इनमें से 33 जोन ई टेंडर के जरिए बिक गए। विभाग ने 33 जोन के लिए 235 करोड़ रुपये रिजर्व प्राइस तय कर रखा था। जबकि सभी जोन में बोली बढ़ने की वजह से 289.12 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। प्याऊ मनियारी के बाद सबसे महंगा ठेका दिल्ली बॉर्डर के साथ लगते कुंडली जोन का हुआ। इसका रिजर्व प्राइस 10 करोड़ रुपये रखा गया था। यह जोन 16 करोड़ में बिका। दूसरी ओर गन्नौर जीटी रोड जोन का रिजर्व प्राइस 5.31 करोड़ रुपये निर्धारित कर रखा था। यह जोन 38 प्रतिशत ज्यादा बिड लगने पर 7.32 करोड़ रुपये में बिका।

एक के साथ दूसरी बोतल फ्री, पड़ रही है भारी

कुंडली जोन के साथ लगते दिल्ली की सीमा में काफी संख्या में शराब ठेके हैं। वहां पर एक शराब की बोतल के साथ एक शराब की बोतल मुफ्त बिक रही है। ऐसे में कुंडली जोन के शराब ठेकेदार को काफी नुकसान हुआ था और आबकारी विभाग के राजस्व भी कम हुआ। पहले कुंडली जोन सबसे महंगा बिका करता था। इस बार दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति में संशोधन किया। उस नीति के साथ दिल्ली के शराब ठेकों पर एक शराब की बोतल के साथ एक शराब की बोतल मुफ्त दी जा रही है। इसका विपरित प्रभाव कुंडली जोन के शराब ठेकों पर पड़ा है।

350 करोड़ का राजस्व होने की उम्मीद

ठेके लेने के लिए प्रक्रिया को आनलाइन किया गया था। 19 मई सुबह 9 बजे से 20 मई शाम 4 बजे तक ठेका लेने के लिए आॅनलाइन आवेदन मांगे गए थे। मगर 40 में से 33 जोन के बिकने के बाद विभाग को 289.12 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। विभाग को पूरी उम्मीद है सात जोन और बिकने के बाद राजस्व प्राप्त होने का आंकड़ा 350 करोड़ रुपये से पार हो जाएगा। सही खरीददार नहीं मिलने के कारण बाकी सात जोन की बोली नहीं हो सकी। इन सभी जोन की बोली आगे खिसका दी गई है।


40 में से 33 जोन की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सात जोन को सही खरीददार नहीं मिला, इसीलिये इनकी नीलामी नहीं हो पाई। अभी तक 289.12 करोड़ रुपये का राजस्व तय हुआ है, बाकि 7 जोन की नीलामी के बाद यह रकम बढ़ेगी। - नरेश कुमार फुले, जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्त।

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