रोहतक के 143 पार्कों में बनेंगे इको ब्रिक्स बेंच

पंकज भाटिया : रोहतक
शहर के पार्कों में जल्द ही इको ब्रिक्स से बेंच बनाए जाएंगे। इसके लिए नगर निगम की स्वच्छ भारत मिशन की टीम लोगों को जागरूक कर रही है। स्वच्छता सलाहकार अरविन भाटिया के नेतृत्व में 50 सक्षम युवा स्कूलों, महाविद्यालयों सहित पार्कों में जाकर प्लास्टिक वेस्ट से इको ब्रिक्स बनाने की प्रक्रिया बता रहे हैं। इससे एक फायदा ये होगा के प्लास्टिक का रियूज हो जाएगा और साथ ही इससे जो सीवरेज सिस्टम और पशु इसे खाकर बीमार हो जाते थे उससे भी काफी हद तक निजात मिलेगी। वहीं अभी तक एक बेंच और चार टेबल स्वच्छ भारत मिशन की शाखा में बनाए जा चुके हैं। दो सप्ताह में चार बेंच और भी बनाए जाएंगे। इसके बाद पार्कों में बेंच बनाने का काम शुरु किया जाएगा।
ईंटों की जगह इको ब्रिक्स
बेंच बनाने की प्रक्रिया में ईंटों की जगह पर इको ब्रिक्स लगाई जाती हैं। इससे ईंटाें पर होने वाले खर्च बचाया जा रहा है। एक समय में एक लेयर बनाकर उसे सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है, इसके बाद दूसरी लेयर बनाई जाती है। चार लेयर में एक बैंच बनकर तैयार हो जाता है। ईको ब्रिक बनाने के तीन फ़ायदे हैं। पहला घर का कचरा कम होगा और वह डम्पिंग साइट पर नहीं जाएगा। वहीं बदले में पौधे दिए जा रहे हैं, उससे लोग पर्यावरण स्वच्छ रहेगा। इस मुहिम की आम जनता द्वारा भी सराहना की जा रही है।
शहर में हैं 143 पार्क
शहर के 22 वार्डों में 143 पार्क हैं। जहां इको ब्रिक्स बेंच बनाए जाएंगे। सक्षम युवाओं की टीम पिछले करीब एक साल से पार्कों में जाकर लोगों को इसके बनाने की विधि सिखा रही है। जागरुकता का ये असर हुआ है कि स्वच्छ भारत मिशन शाखा में शहर के लोग इको ब्रिक्स बनाकर देकर जाते हैं। पौधे दिए जाते हैं। इको ब्रिक्स के बदले में बच्चों को पौधे दिए जाते हैं। अध्यापक बच्चों को स्कूल में भी इको ब्रिक्स बनाना सिखाते हैं।
स्कूलों में लगा रहे सेमिनार
आम लोगों के साथ साथ स्कूली बच्चों को भी प्लास्टिक वेस्ट से इको ब्रिक्स बनाना सिखाया जा रहा है। अरविन भाटिया की टीम अब तक 200 स्कूलों में सेमिनार लगा चुकी है। 45 मिनट के इस सेमिनार में बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरुक किया जा रहा है और साथ ही प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया जाता है। बच्चे घरों से इको ब्रिक्स बनाकर स्कूल में देते हैं, इसके बाद स्वच्छ भारत मिशन की टीम को फोन करके स्कूल इंचार्ज बुलाती है और उन्हें इको ब्रिक्स दी जाती हैं।
इस मुहिम में लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है। काफी लोग इसमें सहयोग भी कर रहे हैं साथ ही वह दूसरों को भी जागरूक कर रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन की टीम जागरूकता अभियान चलाए हुए हैं। प्लास्टिक वेस्ट के ऐसे इस्तेमाल से सीवरेज ब्लॉक होने की समस्या से भी निजात मिलेगी। क्योंकि यह नालियों के जरिए सीवर मंे चला जाता है। वहीं पशु भी पॉलिथिन खाने से बीमार हो जाते हैं, इसमें कमी आएगी।- डॉ. नरहरि बांगर, नगर निगम आयुक्त
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