पंचायती राज की तर्ज पर बनेंगे शिक्षा खंड, शिक्षा अधिकारियों से मांगा निदेशालय ने विवरण

नारनौल। प्रदेश में अब शिक्षा खंडों की संख्या भी पंचायती राज के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय के समान हो जाएगी। शिक्षा निदेशालय की ओर से अपने खंडों का पंचायती राज की तर्ज पर विस्तार किया जा रहा है। इसके लिए सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों से उनके खंडों में पड़ने वाले स्कूलों का ब्यौरा मांगा गया है। ऐसे में वर्तमान में प्रदेश के वर्तमान के 119 शिक्षा खंडों की संख्या बढ़कर पंचायती राज के खंडों के समान 143 हो जाएगी। महेंद्रगढ़ जिले में वर्तमान में पांच शिक्षा खंड हैं तथा अब इन खंडों की संख्या बढ़कर आठ हो जाएगी। प्रदेश में करीब 24 नए खंड बनने से जहां शिक्षा व्यवस्था बेहतर हो सकेगी।
वहीं शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारियों के नए पद भी सृजित होंगे। जब नए खंड शिक्षा अधिकारी मिल जाएंगे तो वर्तमान में कार्यरत बीईओ के काम का लौड भी कम हो सकेगा। इसके अलावा स्कूल मुखिया, शिक्षक व विद्यार्थियों को अपने काम के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। खंड बढ़ने से प्रशासनिक क्षमताएं भी तीव्र हो सकेंगी और इससे सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आएगी। इसके अलावा स्कूलों पर निगरानी और प्रबंधन का कार्य भी आसान हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। पिछले दिनों ही 119 खंड शिक्षा अधिकारियों में कई रिक्त पदों पर प्रिंसिपलों को प्रमोशन के बाद भरा गया है तथा अब और नए खंड बनाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है, जिससे विभागीय व्यवस्था में और सुधार आएगा।
जिला में खंडों की स्थिति
पंचायती राज के अनुसार जिला में वर्तमान खंडों की संख्या आठ है, लेकिन शिक्षा विभाग अभी तक पांच खंडों पर ही अटका हुआ है, जबकि जिले में तीन नए खंड बनाए हुए लगभग डेढ़ दशक का समय हो चुका है, जिनमें नारनौल, महेंद्रगढ़, अटेली, कनीना, नांगल चौधरी, सतनाली, निजामपुर व सिहमा ब्लॉक शामिल हैं। शिक्षा विभाग ने अब तक केवल नारनौल, महेंद्रगढ़़, कनीना, अटेली व नांगल चौधरी शिक्षा ब्लॉक ही बनाए हुए हैं, जबकि नए प्रपोजल के अनुसार सिहमा, निजामपुर एवं सतनाली को ब्लॉक बनाने की डिमांड भेजी गई है।
कई स्कूलों में होती है दुविधा
वर्तमान में शिक्षा विभाग के अलग खंड होने से काम को लेकर कई बार शिक्षा अधिकारियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों में दुविधा की स्थिति पैदा हो जाती है। क्योंकि बीडीपीओ ब्लॉक के कुछ खंड ऐसे थे जो शिक्षा खंड के अधीन आते थे। ऐसे में अधिकारियों को संबंधित स्कूल का खंड ढूंढने में भी दिक्कत आती थी। उदाहरण के तौर पर महेंद्रगढ़ जिले का गांव सिहमा का पंचायती खंड तो सिहमा ही है, लेकिन यह शिक्षा खंड के अनुसार यह अटेली ब्लॉक में आता है। ऐसे में विकास खंड के हिसाब से शिक्षा खंड बनने से यह दुविधा की स्थिति नहीं रहेगी।
बीडीपीओ ब्लॉक अनुसार मांगा ब्यौरा
शिक्षा निदेशालय की तरफ से बीडीपीओ खंडों के अनुसार स्कूलों का ब्यौरा मांगा गया है। इसमें प्राथमिक, मिडल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल कौनसा किस खंड में आएगा, इसकी जानकारी मांगी थी, जो भेज दी गई है। नए खंड बनने से खंड शिक्षा अधिकारियों के पद बढ़ जाएंगे तथा इससे काम का दबाव कम होगा। - सुभाष सामरिया, उप जिला शिक्षा अधिकारी, नारनौल।
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