शैक्षणिक प्रमाण पत्र निकले फर्जी, महिला सरपंच सहित अकादमी संचालक और प्रिंसीपल पर केस दर्ज

शैक्षणिक प्रमाण पत्र निकले फर्जी, महिला सरपंच सहित अकादमी संचालक और प्रिंसीपल पर केस दर्ज
X
सरपंच को शैक्षणिक योग्यता फर्जी पाए जाने के मामले में निलंबित भी कर दिया था, किंतु उच्च स्तर पर अपील करने व बार-बार न्यायालय में शरण लेने के कारण सरपंच नीलम ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया। अब सरपंच व स्कूल प्रमाण पत्र देने वालों पर एफआईआर दर्ज हुई है।

भूना (फतेहाबाद)।

शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी होने के आरोपों के चलते राज्य अपराध शाखा हिसार की जांच प्रक्रिया के बाद नहला की निवर्तमान सरपंच नीलम व रतिया की एक अकादमी के संचालक तथा प्रिंसिपल के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। बरहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि शिकायतकर्ता आशुतोष शर्मा ने वर्ष 2016 से लेकर 2021 तक बीडीपीओ, डीडीपीओ, एसडीएम व डीसी को कई बार शिकायत देकर सरपंच की शैक्षणिक योग्यता फर्जी होने के आरोप लगाकर निलंबित किए जाने की मांग की थी।

सरपंच को शैक्षणिक योग्यता फर्जी पाए जाने के मामले में निलंबित भी कर दिया था, किंतु उच्च स्तर पर अपील करने व बार-बार न्यायालय में शरण लेने के कारण सरपंच नीलम ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया। अब सरपंच व स्कूल प्रमाण पत्र देने वालों पर एफआईआर दर्ज हुई है। गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में गांव नहला में नीलम रानी सरपंच बनी थी। इस चुनाव में मुकेश रानी भी मैदान में थी लेकिन वह चुनाव हार गई थी। बाद में मुकेश रानी ने समाजसेवी आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में नीलम रानी का शैक्षिक प्रमाण पत्र को फर्जी होने का आरोप लगाया था। बाद में मामले की जांच चली। डीडीपीओ राजेश खोथ ने जांच रिपोर्ट दी, जिसमें प्रमाण पत्र को फर्जी होना बताया गया था। नीलम रानी ने जो प्रमाण पत्र दिया था, उसके मुताबिक उसने 2004-05 में आठवीं पास दिखाया गया था और वह प्रमाण पत्र रतिया की गुरुनानक अकेडमी के नाम से जारी हुआ था जबकि इस अकेडमी को वर्ष 2006 में मान्यता मिली थी।

इस तरह से नीलम पर लगे आरोप सही पाए गए। डीडीपीओ की रिपोर्ट के आधार पर डीसी ने नीलम रानी को सरपंच पद से निलंबित करने बारे नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस बीच नीलम ने अदालत में याचिका दायर कर डीसी की कार्रवाई को गलत बताया, वहीं अदालत ने निलंबन कार्रवाई पर रोक लगाते हुए स्टे जारी कर दिया था। तबसे निलंबन की कार्रवाई अटकी हुई थी। अदालत की कार्रवाई में मुकेश रानी उनके वकील की ओर से अपनी दलीलें रखी गई थी। आशुतोष शर्मा ने मामले को माननीय उच्च न्यायालय में सरपंच के खिलाफ चुनौती दी थी। जहां लंबी जांच के बाद वर्ष 2020 में माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य अपराध शाखा को जांच का जिम्मा सौंपा था। उपरोक्त जांच में सरपंच व स्कूल प्रबंधन दोषी पाया गया है। अपराध शाखा के जांच निरीक्षक अशोक कुमार ने 15 दिसंबर 2021 को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। अब पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

क्या कहते हैं थाना प्रभारी

भूना थाना अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने बताया कि फर्जी शैक्षणिक मामले में उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में नहला की सरपंच नीलम रानी व गुरु नानक अकादमी रतिया के संचालक तथा प्रिंसिपल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।

Tags

Next Story