सावधान! अब शातिरों के निशाने पर बुजुर्ग महिलाएं

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
इलाके में पिछले कुछ समय में आपराधिक गतिविधियां बढ़ी हैं। लोगों से लूटपाट और घरों में चोरी (theft) तो होती ही हैं, बुजुर्ग भी बदमाशों के निशाने पर हैं। मौका लगते ही शातिर ठग (Vicious thugs) बुजुर्ग महिलाओं के कंगन आदि आभूषण ले उड़ते हैं। बीते तीन साल में इस तरह की दर्जनभर वारदात (Incident) हो चुकी हैं। बदमाश सीसीटीवी में कैद होते हैं, लेकिन गिरफ्त में नहीं आते। अब तक इस तरह की एक भी वारदात सुलझ नहीं पाई है।
बुजुर्ग महिलाओं से ठगी करने वाले ये बदमाश किसी नशीले पाउडर का इस्तेमाल करते हैं। अचानक चेहरे के आगे पाउडर ला देते हैं, जिससे सामने वाला कुछ पल के लिए सुधबुध खो बैठता है और वारदात का विरोध करना तो दूर शोर तक मचा नहीं पाता। कई बार तो ऐसे मौके भी हुए जब बदमाश बुजुर्ग महिलाओं को अपने झांसे में ले कहीं दूर तक ले गए। अभी हाल ही में नजफगढ़ रोड पर किला मोहल्ला निवासी स्वर्णा के हाथों से कंगन निकाल लिए गए। दो बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। महिला को यह तक समझ नहीं आया कि युवक कब कंगन निकाल ले गए और किस वाहन पर आए ये भी स्पष्ट नहीं बता सकी। वह शोर तक मचा नहीं पाई। कंगन ले जाने वाले शातिर कौन थे फिलहाल ये सवाल बना हुआ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इलाके में इस तरह पहले भी वारदात होती रही हैं। गत 24 जनवरी 2019 को सेक्टर-6 की निवासी राजबाला को मंदिर का रास्ता पूछने के बहाने रुकवाया और बातों में उलझा लिया। हुआ कुछ ऐसा कि महिला ने खुद ही उनको कंगन पकड़ा दिए। इससे पहले 17 जनवरी 2019 को रेलवे रोड पर दो युवकों ने एक महिला से कान की बालियां और रुपये ठगे। अगस्त 2018 में कांग्रेस नेत्री धनपति हुड्डा से कंगन ठगे। एक जून को 2018 को मेन बाजार की निवासी सुशीला से मंदिर का पता पूछने के बहाने कंगन ठगे। मई महीने में 15 दिन के अंतराल में किला मोहल्ला में दो महिलाओं को साथ इसी तरह ठगी की गई।
मार्च 2018 में भी किले मोहल्ले की हरबंस कौर के साथ ऐसी ही वारदात हुई। गत 20 मार्च को पालिका कॉलोनी की निवासी बाला देवी के साथ सेक्टर-9 मोड़ के नजदीक वारदात का प्रयास हुआ। गत 21 सितंबर 2017 को सदर थाने के नजदीक एक महिला से कंगन ठगे गए। इसके अलावा और भी कई वारदात हुईं हैं। हर बार शातिरों द्वारा लगभग वही तरीका अपनाया गया है। इन मामलों में पुलिस की कार्रवाई भी सिर्फ एफआईआर दर्ज करने तक सीमित रह जाती हैं। वारदात सुलझ नहीं पाती।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS